November 23, 2024     Select Language
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PAK की महिलाओं के लिए corona नहीं घर में इसका आतंक दुगना

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कोलकाता टाइम्स :

सिर्फ भारत में आतंक फ़ैलाने में ही नहीं पाकिस्तान अपने देश में बर्बरता के मामले में भी सबसे आगे है। इस बात की सबसे बड़ी गवाह पाकिस्तान की महिलाएं हैं। पाकिस्तान की महिलाएं इसे सबसे ज्यादा झेलती हैं। कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते इन महिलाओं का ये दुख इस देश में और भी बढ़ गया है। डी डब्ल्यू के मुताबिक, लैंगिक हिंसा की शिकार खालिजा सिद्दीकी ने बताया कि बहुत से परिवारों ने इसे मानने में काफी देर कर दी कि एक तलाकशुदा बेटी एक मरी हुई बेटी से बेहतर होती है। 

सिद्दीकी, जो खुद एक वकील हैं, कहती हैं कि कोरोना वायरस के चलते घरेलू हिंसा में जबरदस्त इजाफा हुआ है क्योंकि महिलाओं को आर्थिक परेशानियों की वजह से और ज्यादा समझौता करने के लिए मजबूर किया जाता है। अधिकारों के लिए लड़ने वाली संस्थाएं मानती हैं कि अनौपचारिक क्षेत्रों से जुड़ी महिलाएं घरेलू हिंसा की सबसे बड़ी भुक्तभोगी हैं क्योंकि ज्यादातर बेरोजगार हो गई हैं। इस वजह से उन्हें अपने छोटे से घरों में मजबूरन ज्यादा समय गुजारना पड़ रहा है, जिसके चलते उन्हें अपने बदतमीज परिजनों के गुस्से का भी शिकार होना पड़ रहा है। 

लॉकडाउन के दौरान पाकिस्तान में घरेलू हिंसा की घटनाएं 25 फीसदी तक बढ़ गई हैं, पूरे पूर्वी पंजाब प्रांत में ही सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च से मई तक आधिकारिक तौर पर 3217 केस दर्ज किए गए हैं। महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक देशों की सूची में पाकिस्तान 6ठे नंबर पर है। 

विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जनवरी 2011 से जून 2017 के बीच में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के 51,241 मामले दर्ज किए गए थे। इतनी बड़ी संख्या के बावजूद सजा देने की दर काफी कम है, अब तक केवल 2.5 फीसदी मामलों में ही सजा का ऐलान हुआ है। 

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