इस नागपंचमी ऐसे करें पूजा, दिखेगा फायदा
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कोलकाता टाइम्स :
हिंदू शास्त्रों के मुताबिक श्रावण माह की शुक्ल पंचमी को नागपंचमी मनाई जाती है। नागपंचमी के दिन नागों की विधिविधान से पूजा होती है। इस दिन विधिविधान से पूजा करने से संतान कामना पूरी होती है। नागपंचमी के दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद सोने या फिर चांदी से बने पांच फन वाले नाग की पूजा करनी चाहिए। अगर यह संभव नहीं है तो फिर तिल, चावल, राई, गेंहू आदि में से किसी एक आटे में हल्दी डालकर नाग बना लें। इसके बाद इस नाग को एक पाटे पर रखकर इसकी पूजा करें। नागपंचमी की पूजा के दौरान उसकी कथा जरूर पढ़ें या सुने। इसके बाद आरती करें। इस खास दिन पर पूजा के बाद ब्रह्माण भोजन करान शुभ होता है। खाने में खीर जरूरी शामिल करें। इतना ही नहीं बाद ब्रह्माण को अपनी यथा शक्ति के मुताबकि दक्षिणा देकर खुशी-खुशी विदा करें।
इसलिए होती नागों की पूजा:
एक गांव में एक किसान के एक बेटी और दो बेटे थे। किसान मेहनत कर अपने परिवार का पेट पालता था। ऐसे में एक दिन किसान से खेत में हल चलाते समय गलती से एक नागिन के कुछ अंडे कुचल गए। उस समय नागिन मौजूद नहीं थी। ऐसे में जब नागिन लौटी तो वह बहुत दुखी हुई और गुस्से में आकर किसान के घर पहुंची। वहां उसने बदले में किसान के बेटों को डस लिया। नागिन ने किसान की बेटी को इसलिए छोड़ दिया था क्योंकि वह उस वक्त घर पर मौजूद नहीं थी। जिससे नागिन दूसरे दिन श्रावण शुक्ल की पंचमी को किसान के घर बेटी को डसने पंहुची। इस दौरान किसान की बेटी ने नागिन के सामने एक कटोरी में दूध रख उससे माफी मांगी। इस पर नागिन हैरान होने के साथ काफी खुश हुई। इतना ही नहीं उसने किसान की बेटी के कहने से उसके दोनों भाईयों को जिंदा कर दिया। इसके बाद इस दिन से नागों की पूजा की जाने लगी।