पीढ़ी-दर-पीढ़ी कोसेगी आपको अगर नहीं बचे बचे इन 10 बीमारियों से
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कोलकाता टाइम्स :
शरीर है तो बीमारियां का होना भी स्भाविक है। कुछ बीमारियां गंभीर होती हैं तो कुछ सामान्य। लेकिन कुछ बीमारियां अनुवांशिक भी होती हैं, जिनमें इलाज से ठीक होने वाली एवं लाइलाज दोनों शामिल है।
अनुवांशिक बीमारियां वे होती हैं जो पीढ़ी दर पीढ़ी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में जाती है। इसका कारण, वह गुणसूत्र होते हैं, जो परिवार के एक सदस्य को अपने माता-पिता से मिलते हैं। यही गुणसूत्र एक व्यक्ति के गुणों को एक से दूसरे में लेकर जाते हैं। जीन के जरिए आने वाली इन बिमारियों को जेनेटिक या हेरिडीटरी डिजीज कहा जाता है। जानते हैं उन बीमारियों के बारे में जो अनुवांशिक रूप से होती हैं –
1 डीप वेन थ्रोम्बोसिस – डीप वेन थ्रोम्बोसिस यानि डीवीटी। यह ब्लड क्लॉट होता है, जो शरीर की नसों की गहराई में बन जाता है। जब खून गाढ़ा हो जाता है, तब यह स्थिति बनती है। ज्यादातर ये समस्या जांघ पर होती है।
2 मल्टीपल स्केलेरोसिस – दिमाग की तंत्रिकाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता सामान्य करने वाले सेल्स के क्षतिग्रस्त हो जाने की वजह से यह बीमारी होती है। इसमें एंटीबॉडी मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और आंखों के नसों पर प्रभाव डालती है।
3 मधुमेह – टाइप 1 और टाइप 2 – डायबिटीज मेलेटस (डीएम), जिसे सामान्यतः मधुमेह कहा जाता है, चयापचय संबंधी बीमारियों का एक समूह है जिसमें लंबे समय तक उच्च रक्त शर्करा का स्तर होता है। टाइप 1 और टाइप 2 इसी के प्रकार हैं।
3 मधुमेह – टाइप 1 और टाइप 2 – डायबिटीज मेलेटस (डीएम), जिसे सामान्यतः मधुमेह कहा जाता है, चयापचय संबंधी बीमारियों का एक समूह है जिसमें लंबे समय तक उच्च रक्त शर्करा का स्तर होता है। टाइप 1 और टाइप 2 इसी के प्रकार हैं।
4 रक्तवर्णकता – यानि हेमोचरोमाटोसिस, एक बीमारी है जिसमें बहुत ज्यादा लोहे आपके शरीर में जमा होता है।
5 पार्किंसंस रोग – पार्किंसन रोग केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र का एक रोग है जिसमें रोगी के शरीर के अंग कंपन करते रहते हैं।
6 थैलेसीमिया – इस रोग के होने पर शरीर की हीमोग्लोबिन निर्माण प्रक्रिया में गड़बड़ी हो जाती है। इसमें रोगी बच्चे के शरीर में रक्त की भारी कमी होने लगती है जिसके कारण उसे बार-बार बाहरी खून चढ़ाने की आवश्यकता होती है।
7 सिस्टिक फाइब्रोसिस – सिस्टिक फाय्ब्रोसिसएक अनुवांशिक रोग है, जो शरीर के कई भागों को प्रभावित करता है। इनमें जिगर, पेंक्रिआज, मूत्राशय के अंग, जननांग और पसीने की ग्रंथियां शामिल हैं।
8 हीमोफीलिया – इसमें शरीर के बाहर बहता हुआ रक्त जमता नहीं है। इसके कारण चोट या दुर्घटना में यह जानलेवा साबित होती है क्योंकि रक्त का बहना जल्द ही बंद नहीं होता।
9 डाउन सिंड्रोम – डाउन सिंड्रोम एक आनुवंशिक रोग है, जो बहुत कम लोगों को होता है। इस रोग में ना सिर्फ बच्चे का शारीरिक बल्कि मानसिक विकास भी धीमा होता है।
10 इसके अलावा किसी भी प्रकार की एलर्जी और बार-बार गर्भपात की समस्या भी अनुवांशिक बीमारी हो सकती है।