अब यहां भीख मांगना, बीड़ी सिगरेट पीना नहीं रहा अपराध
कोलकाता टाइम्स :
रेलगाडिय़ों या रेलवे स्टेशनों पर भीख मांगना अब अपराध नहीं रहेगा। यही नहीं, ट्रेन या स्टेशन में बीड़ी सिगरेट पीने वालों को भी जेल नहीं भेज कर उनसे सिर्फ जुर्माना वसूला जाएगा। इसके लिए रेलवे बोर्ड एक प्रस्ताव बना कर केबिनेट से पास कराने की प्रक्रिया में है. ऐसा इसलिए, ताकि इसे अपराध की श्रेणी से हटाया जा सके। रेलवे ने इस तरह का प्रस्ताव केबिनेट सचिवालय के उस निर्देश के बाद बनाया है, जिसमें वैसे नियम-कानूनों को निरस्त करने को कहा है, जिसमें छोटी मोटी गलती के लिए भी जेल भेजा जाता है या जुर्माना वसूला जाता है।
रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि रेलवे एक्ट 1989 के सेक्शन 144 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति रेलगाडिय़ों या रेलवे स्टेशन (रेलवे परिसर में भी) भीख मांगता पकड़ा जाता है तो उस पर 1,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। इसके अलावा भिखारी को एक साल तक की कैद भी हो सकती है या फिर दोनों सजा। अधिकारी का कहना है कि बहुत कम व्यक्ति ऐसे होते हैं, जो कि शौकिया तौर पर भीख मांगते हैं। उनके पास यदि जुर्माना भरने के लिए 1,000 रुपये होंगे तो फिर वह भीख ही क्यों मांगेगा।
उक्त अधिकारी का कहना है कि यह प्रावधान खत्म करने का मतलब रेल परिसर में भिक्षावृत्ति को बढ़ावा देना कतई नहीं है। यह तो मानवीय आधार पर तय किया जा रहा है।
इसके अलावा रेलवे एक्ट 1989 की धारा 167 को भी संशोधित करने का प्रस्ताव है। अभी ट्रेन, रेलवे प्लेटफॉर्म या स्टेशन परिसर में बीड़ी सिगरेट पीने वालों को जेल की सज़ा का प्रावधान है। रेलवे बोर्ड का यह प्रस्ताव यदि स्वीकृत हो जाता है तो ऐसा अपराध करने वालों को कैद की सजा नहीं दी जाएगी, उनसे केवल ज़ुर्माना वसूला जाएगा।
उल्लेखनीय है कि केबिनेट सचिवालय ने विभन्न मंत्रालयों और विभागों से ऐसे गैर ज़रूरी नियम-कानूनों की लिस्ट मंगायी है, जिसे खत्म कर देने से लोगों को सहूलियत ही होगी, दिक्कत नहीं।