July 2, 2024     Select Language
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हैरतअंगेज : पानी-पूरी ने बनाया द्रौपदी को अमर

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 कोलकाता टाइम्स :

पानी पूरी देशभर के लोगों की पहली पसंद होती है. ये एक ऐसी चीज़ है जिसका नाम सुनते ही मुँह में पानी आ जाता है. आपको बता दें पानी पूरी एक ऐसी चीज़ है जिसे देखकर या जिसका नाम लेते ही उसे खाने का मन होने लगता है. जब बात लड़कियों के बारे में हो तो उन्हें तो पानी-पूरी खाना सबसे ज्यादा पसंद होता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ये पानी पूरी आई कहाँ से? या फिर इसे लेकर कौन आया और इसकी खोज किसने और कहाँ की..?

अगर सोचा है तो अब सोचिये भी मत क्योकि हम आपको आज बताते हैं पानी पूरी का इतिहास. आपको बता दें पानी पूरी को कई जगहों पर अलग-अलग नामों से पहचाना जाता है. जैसे कि गोलगप्पा, पानी-बतासे, फुचका, गुचचुप, पानी टिक्की या फुल्की. पानी पूरी का जिक्र मेगस्थनीज़ और साथ ही चीनी बौद्ध यात्री Faxian और Xuanzang कीक किताबों में पाया गया है. जी हाँ.. और ऐसा कहाँ जाता है कि पानी पूरी को सबसे पहले गंगा के किनारे बसे मगध साम्राज्य में बनाया गया था.

सूत्रों की माने तो उस दौरान पानी पूरी में बहुत से खाद्य पदार्थ मिलाए गये थे जैसे मसलन- पिट्ठो, तिलवा, चिवड़ा आदि. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मगध साम्राज्य बिहार के नाम से जाना जाता है यानी पानी पूरी का आविष्कार बिहार में हुआ था. पानी पूरी को लेकर एक और कहानी प्रचलित है कि- जब द्रोपदी पहली बार अपने पांच पतियों के साथ ससुराल आई थी तब कुंती ने द्रोपदी को कुछ ऐसा बनाने के लिए कहा था जिससे उनके पांचो बेटों का पेट भर जाए और उसके लिए द्रोपदी ने अपनी कला और ज्ञान का इस्तेमाल कर पानी पूरी बनाई थी जिससे कुंती बहुत खुश हुईं और उन्होंने द्रोपदी को अमरता का वरदान दिया था.

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