हेपेटाइटिस सी से ही इन तीन वैज्ञानिकों ने जीता नोबेल का दिल
कोलकाता टाइम्स :
साल 2020 का चिकित्सा में नोबेल पुरस्कार हेपेटाइटिस सी की खोज के लिए हार्वे जे अल्टर, माइकल ह्यूटन और चार्ल्स एम राइस को दिया गया है। नोबेल पुरस्कार समिति ने ट्विटर पर कहा, रक्त-जनित हेपेटाइटिस, विश्व भर के लोगों में सिरोसिस और यकृत कैंसर का कारण बनता है। इसके खिलाफ लड़ाई में इन तीनों ने निर्णायक योगदान दिया।
बता दें कि यह अवॉर्ड नोबेल फाउंडेशन द्वारा दिया जाता है। यह स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड बनार्ड नोबेल की याद में दिया जाता है। अल्फ्रेड बनार्ड नोबेल ने अपनी मृत्यु से पहले अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा एक ट्रस्ट के लिए सुरक्षित रख दिया था। उनकी इच्छा थी कि इन पैसे के ब्याज से हर साल उन लोगों को सम्मानित किया जाए तो मानव जाति के लिए बेहतरीन काम करते हैं।
नोबेल पुरस्कार जीतने वाले व्यक्ति को एक नोबेल पदक और डिप्लोमा के साथ पुरस्कार राशि भी दी जाती है। 2019 के नोबेल पुरस्कार पाने वाले विजेताओं को 9 मिलियन स्वीडिश क्राउन दी जाएगी। भारतीय रुपये में इस राशि को कनवर्ट करें तो यह राशि लगभग 6.45 करोड़ रुपये होगी. बता दें कि यह राशि बढ़ती-घटती रहती है।
बता दे जिन भारतीय लोगों को नोबेल पुरस्कार मिला उनके नाम हैं-रविंद्रनाथ टैगोर, हरगोविंद खुराना, सीवी रमण, वीएएस नायपॉल, वेंकट रामाकृष्णन, मदर टेरेसा, सुब्रमण्यम चंद्रशेखर, कैलाथ सत्यार्थी, आरके पचौरी और अमर्त्य सेन।