November 23, 2024     Select Language
Editor Choice Hindi KT Popular दैनिक

कोरोना से मुक्ति के लिए अब घोड़े के भरोसे इंसानों की जान  

[kodex_post_like_buttons]

कोलकाता टाइम्स :

भारत के औषधि महानियंत्रक ने कोविड-19 के संभावित इलाज ‘एंटीसेरा का मनुष्यों पर परीक्षण करने के पहले चरण की अनुमति दे दी है। भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (आईसीएमआर) के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि ‘एंटीसेरा घोड़ों में अक्रिय सार्स सीओवी-2 (वायरस) का इंजेक्शन देकर विकसित किया गया है।

एंटीसेरा का विकास आईसीएमआर ने हैदराबाद स्थित फार्मास्युटिकल कंपनी के साथ मिलकर किया है।  आईसीएमआर के महानिदेशक डॉक्टर बलराम भार्गव ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”बायोलॉजिकल ई. लिमिटेड के साथ मिलकर हमने घोड़ों का ‘एंटीसेरा विकसित किया है और हमें अभी-अभी उसका क्लीनिकल परीक्षण करने की अनुमति मिल गई है।

सुरक्षा और प्रभाव के संबंध में अभी तक एंटीसेरा का मनुष्यों पर परीक्षण नहीं हुआ है.’ एंटीसेरा एक प्रकार का ब्लड सीरम है जिसमें किसी विशेष रोगाणु से लड़ने की क्षमता रखने वाले एंटीबॉडी की मात्रा ज्यादा होती है और किसी भी विशेष संक्रमण से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता को तत्काल बढ़ाने के लिए मनुष्य को यह इंजेक्शन के माध्यम से दिया जाता है।

ICMR के डायरेक्टर जनरल डॉ. बलराम भार्गव ने मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रेस कांन्फ्रेंस के दौरान कहा, ”हमने बायोलॉजिकल ई के साथ घोड़े का सेरा तैयार किया है। हमने हॉर्स सेरा पर कुछ अध्ययन पूरे कर लिए हैं, जहां हमारे पास इंजेक्शन की शीशी एंटीबॉडी की अनुमानित खुराक है। हम हॉर्स सेरा के क्लीनिकल ट्रायल के लिए मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं।

इससे पहले हॉर्स सेरा से कई तरह के वायरल, बैक्टीरियल इन्फेक्शन, जैसे रैबीज, हेपीटाइटस बी, वैक्सीनिया वायरस, टेटनस, बोटूलिज्म और डायरिया के इलाज का प्रयास किया गया था।

Related Posts