WHO को नोबेल ना मिलने पर तिलमिला उठा चीन, कहा ‘नोबेल है इनके दलाल’
कोलकाता टाइम्स :
चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ‘दोस्ती’ एक बार फिर जग जाहिर हो गयी है। WHO को नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize) नहीं दिए जाने पर बीजिंग बिलकुल तिलमिला उठा। चीन की कम्युनिस्ट सरकार के मुखपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने इसके लिए नोबल कमेटी की आलोचना की है।
अखबार के संपादक हू शिजिन ने यहां तक कह दिया कि नोबेल शांति पुरस्कार अब बेकार हो गया है और उसे बंद कर देना चाहिए। शिजिन ने अपने ट्वीट में लिखा है, ‘नोबेल कमेटी के अंदर इतना साहस नहीं है कि वह विश्व स्वास्थ्य संगठन को पुरस्कार दे, क्योंकि यदि वह ऐसा करता तो अमेरिका उससे नाराज हो जाता’।
उन्होंने आगे कहा कि नोबेल पुरस्कार को बहुत पहले ही रद्द कर देना चाहिए था। यह केवल पश्चिमी और अमेरिका के रसूखदारों की दलाली के अलावा कुछ नहीं करता। यह केवल बनावटी संतुलन बनाने का प्रयास करता है। हू शिजिन के लिए इस तरह की बयानबाजी नई बात नहीं है, वो चीनी सरकार के एजेंडे को इसी तरह आगे बढ़ाते हैं।
अमेरिका सहित कई देश कोरोना महामारी को लेकर चीन और WHO के गठजोड़ को दोषी करार देते आये हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया था कि डब्ल्यूएचओ चीन केंद्रित हो गया है और उसकी लापरवाही के चलते ही कोरोना महामारी बना। इसी आधार पर ट्रंप ने WHO की फंडिंग भी रोक दी है. हालांकि, यह बात अलग है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन इन आरोपों से इनकार करता रहा है।