मरने के बाद मातम नहीं जश्न मनाना ही इस गांव का रिवाज
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कोलकाता टाइम्स :
इस दुनिया में कई अलग-अलग प्रकार की हैरान कर देने वाली परम्पराए निभाई जाती है. इनमे से कुछ परम्परा तो ऐसी होती है जिनपर चाहकर भी यक़ीनन कर पाना मुश्किल हो जाता है. हम आपको आज एक ऐसे ही परंपरा के बारे में बताने जा रहे हैं. यक़ीनन इस परंपरा बारे में जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे. वैसे आमतौर पर जब कोई इंसान मरता हैं तो इस दुखभरी खबर को सुनकर मातम पसर जाता है लेकिन हम आपको आज एक गांव के बारे में बता रहे हैं जहां किसी के भी प्रियंजन के मर जाने के बाद मातम नहीं बल्कि जश्न मनाया जाता है…
जी हाँ… सुनकर हो गए ना आप भी हैरान लेकिन ये सच है. हम बात कर रहे है तेलंगाना के सबसे मॉडल गांव गंगादेवी पल्ली की जहां पर किसी भी इंसान की मौत के बाद दुःख नहीं बल्कि जश्न मनाया जाता है. अब आप भी ये जरूर सोच रहे होंगे कि जहां एक ओर किसी भी इंसान के मरने के बाद लोग रोते है और यहाँ लोग रोने की जगह इसका जश्न मनाते है? तो चलिए हम आपको इसका जवाब भी दें ही देते हैं.
दरअसल इस गांव में अलग ही तरह से मृतक इंसान की शवयात्रा निकाली जाती है. यहाँ के लोग किसी के चले जाने पर भावुक तो होते ही है लेकिन उनकी शवयात्रा को यादगार बनाते है. सूत्रों की माने तो इस गांव के लोगो का ऐसा मानना है कि मृतक इंसान ने उन सभी लोगो के साथ तो दुनिया में ख़ुशी से सभी पल बिताए थे और इसलिए अब जब वो इंसान भगवान के पास जा रहा है तो भी फिर उसे वहां भी ख़ुशी-ख़ुशी ही भेजा जाना चाहिए. इसलिए इस गांव में वाद्ययंत्रों की थाप पर सभी लोग नाचते-गाते हुए मृत इंसान की शवयात्रा लेकर जाते है.