अगरबत्ती के धुएं से हो सकता है अस्थमा
अगरबत्ती एवं धूपबत्ती के धुएं में पाए जाने वाले पॉलीएरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (पीएएच) की वजह से अस्थमा, कैंसर, सरदर्द एवं खांसी की संभावना बढ़ जाती है. खुशबूदार अगरबत्ती को घर के अंदर जलाने से वायु प्रदूषण होता है विशेष रूप से कार्बन मोनोऑक्साइड फैलता है. इसलिए अब अपने बंद कमरे में अधिक अगरबत्ती और धूपबत्ती जलाने से बचें.
1-अगरबत्ती और धूपबत्ती में सल्फर डाईऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन और फॉर्मल्डेहाईड मौजूद होते हैं, ये कण और गैस के रूप में मौजूद होते हैं. इनके संपर्क में अधिक समय तक रहने से अस्थमा और सीओपीडी जैसी श्वसन संबंधी समस्या हो सकती है.
2-अगर आप अधिक समय तक धूपबत्ती और अगरबत्ती के संपर्क में रहते हैं तो इसके कारण त्वचा और आंखों को समस्या हो सकती है. इसके कारण आंखों में जलन होती है. धुएं में मौजूद केमिकल के संपर्क में आने से त्वचा में जलन और खुजली महसूस होती है.
3-अगरबत्ती से निकलने वाला धुआं तंत्रिका को प्रभावित करता है. इसके कारण सिरदर्द, ध्यान केंद्रित करने में समस्या होना और विस्मृति आदि समस्यायें भी होती हैं. इसके कारण खून में जानलेवा गैसों की मात्रा बढ़ने से मस्तिष्क की कोशिकायें प्रभावित होती हैं जिसके कारण तंत्रिका से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं.