September 21, 2024     Select Language
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दुर्घटनाओं और शत्रुओं से रक्षा करता है ‘गदा’ का यह चिन्ह

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कोलकाता टाइम्स :
स्तरेखा शास्त्र हथेली में मौजूद लकीरों के अलावा विभिन्न् प्रकार के चिन्हों और संकेतों के आधार पर भविष्यकथन करता है। एक ऐसा ही सबसे शुभ चिन्ह होता है ‘गदा” का चिन्ह। गदा भगवान श्री हनुमानजी को प्रिय है और सदा उनके साथ रहती है।
गदा भगवान श्रीहरि विष्णु को भी प्रिय है। यदि किसी जातक के हाथ में गदा का चिन्ह बना हुआ हो तो शत्रु भी उसका कभी कुछ नहीं बिगाड़ पाते। ऐसे जातक की सर्वत्र रक्षा होती है। जीवन में कभी दुर्घटनाओं का सामना नहीं करना पड़ता। आइए जानते हैं गदा के चिन्ह का हथेली में अलग-अलग जगह होने का क्या अर्थ होता है… गुरु पर्वत (तर्जनी अंगुली के नीचे) पर गदा का चिन्ह हो तो यह इस बात का संकेत है कि व्यक्ति अपने स्वयं के ज्ञान और बुद्धि के बल पर दुनिया पर राज करेगा। ऐसा व्यक्ति न्यायप्रिय होता है। अत्यंत धनवान और समृद्धिशाली होता है। शत्रु सदैव कांपते हैं।
शनि पर्वत (मध्यमा अंगुली के नीचे) पर गदा का चिन्ह होने का अर्थ है व्यक्ति अत्यंत न्यायप्रिय और अनुशासित होगा। ऐसा व्यक्ति रहस्यमयी विद्याओं का ज्ञाता होता है। ऐसे व्यक्ति को शत्रु कभी परास्त नहीं कर पाते और जीवन में वाहन दुर्घटनाओं से रक्षा होती है।
सूर्य पर्वत (अनामिका अंगुली के नीचे) पर गदा का चिन्ह होने से व्यक्ति दुनियाभर में एक प्रसिद्ध व्यक्ति के रूप में नाम कमाता है। ऐसे व्यक्ति को जीवन में अनायास कुछ ऐसी सिद्धियां प्राप्त हो जाती हैं, जिससे वह सर्वत्र प्रसिद्ध हो जाता है। शत्रु भी इसके सामने घुटने टेक देते हैं।
बुध पर्वत (कनिष्ठिका अंगुली के नीचे) पर गदा का चिन्ह होना इस बात का संकेत है कि व्यक्ति एक सफल उद्योगपति बनेगा। साथ ही ऐसे व्यक्ति को समुद्रपारीय देशों से खूब धन प्राप्त होता है। ऐसा व्यक्ति अपने वाक चातुर्य के दम पर दुनिया जीत लेता है।
हथेली में चंद्र पर्वत :(बुध पर्वत और मणिबंध के बीच का स्थान) पर गदा का चिन्ह होना व्यक्ति को अत्यंत क्रिएटिव बनाता है। यहां गदा का चिन्ह होना इस बात का संकेत है कि व्यक्ति की पानी और समुद्री वाहनों आदि में सदा रक्षा होती है। जल जनित रोगों से सुरक्षित रहता है।
शुक्र पर्वत (अंगूठे के नीचे का भाग) पर गदा का चिन्ह होने का अर्थ है व्यक्ति काफी आकर्षक, प्रभावी और रोमांटिक किस्म का होगा। ऐसा व्यक्ति विपरितलिंगी व्यक्तियों में अधिक लोकप्रिय होता है, लेकिन यहां ध्यान रखने वाली बात यह है कि ऐसे व्यक्ति सदा विपरितलिंगियों के कारण ही पतन की गर्त में जाते हैं। हथेली में केतु पर्वत मणिबंध रेखाओं के ऊपर होता है। यदि यहां पर गदा का चिन्ह बना हुआ है तो व्यक्ति अनेक शत्रुओं से घिरा रहता है। कई बार इस पर जानलेवा हमला भी हो सकता है, लेकिन फिर भी रक्षा हो जाती है।
यदि केतु पर्वत पर गदा का चिन्ह हो और वह उल्टा हो। यानी गदा का मुंह मणिबंध की ओर हो तो जिस पर्वत की ओर गदा का निचला सिरा होता है उस पर्वत से संबंधित परिणाम मिलने में देरी होती है।

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