July 1, 2024     Select Language
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शनि देव को बनाना है मित्र तो रखे शनि शंख, देंगे धन लाभ

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कोलकाता टाइम्स :

हिंदू पूजा पद्धति में शंख को विशेष पूजनीय माना गया है। अनेक देवी-देवताओं के हाथ में शंख सुशोभित अवश्य होता है। इसकी उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी। भगवान शिव को छोड़कर सभी देवताओं पर शंख से जल अर्पित किया जाता है। शास्त्रों में अनेक प्रकार के शंख बताए गए हैं जिनमें से प्रमुख तीन प्रकार के होते हैं दक्षिणावर्ती शंख, मध्यावर्ती शंख और वामवर्ती शंख। इन शंखों के अनेक उप प्रकार होते हैं। शास्त्रों में 1008 प्रकार के शंख का वर्णन मिलता है। इनमें लक्ष्मी शंख, गोमुखी शंख, कामधेनु शंख, विष्णु शंख, राक्षस शंख, चक्र शंख, शनि शंख, मोती शंख आदि अनेक प्रकार हैं।शनि शंख से शनिदेव बन जाएंगे आपके मित्र, देंगे धन लाभ

ग्रहों को अनुकूल बनाने और उनसे अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए विभिन्न ग्रहों के नाम से भी शंख पाए जाते हैं, लेकिन ये आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाते हैं। इन्हीं में से एक है शनि शंख। शनि शंख शनि देव की प्रकृति के अनुसार काले रंग का होता है। यह अनेक आकारों में पाया जाता है, लेकिन दुर्लभ होता है। इस शंख का प्रयोग शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। धन, संपत्ति, रहस्यमयी कार्यों से धन लाभ, सम्मान, सुख आदि की प्राप्ति के लिए इस शंख के प्रयोग किए जाते हैं।

शनि शंख के लाभ
  • शनि शंख काले रंग का अनेक कांटेदार धारियों वाला होता है और यह कच्छप शंख की श्रेणी का होता है।
  • इस शंख से शनिदेव की कृपा तो प्राप्त होती ही है। यह सारी नकारात्मकता दूर करता है।
  • लक्ष्मी को खींचने का यह सबसे बड़ा चुंबकीय माध्यम है।
  • इस शंख को घर में रखने से समस्त प्रकार के वास्तुदोष दूर होते हैं।
  • शनि की साढ़ेसाती, ढैया वालों को इस शंख को घर में जरूर रखना चाहिए, ताकि साढ़ेसाती के दुष्प्रभाव कम हो और शुभ प्रभाव में वृद्धि हो।
  • यह जिस घर में जिस जगह होता है, वहां की सारी नकारात्मक ऊर्जा सोख लेता है।
  • यह सुख-समृद्धि, आयु और आरोग्य का प्रतीक है। कच्छप श्रेणी का होने के कारण यह दीर्घायु प्रदान करता है।
  • आप जो भी काम करेंगे उसमें स्थायित्व बना रहेगा।
  • भवन निर्माण, ऑटोमोबाइल, ऑयल, इलेक्ट्रॉनिक्स के बिजनेस से जुड़े लोगों को यह शंख अपने प्रतिष्ठान में रखना चाहिए, जिससे वे अपने काम में अधिकतम लाभ कमा सकें।
  • शनि के गोचर, मार्गी-वक्री स्थिति के दौरान आने वाली तकलीफों से शनि शंख बचाता है।
  • अचानक होने वाली घटना-दुर्घटनाओं में यह शंख सुरक्षा प्रदान करता है।
  • शनि शंख को अपने धन स्थान अर्थात् तिजोरी, प्रतिष्ठान के गल्ले में रखने से धन की आवक बनी रहती है।
  • जन्मकुंडली में शनि से जुड़े जितने भी दोष होते हैं वे सभी शनि शंख से दूर होते हैं।
  • इस शंख को गुरुवार या शनिवार के दिन स्थापित करें। प्रतिदिन इसकी पूजा करते रहें।
  • प्राण प्रतिष्ठित शंख ही लाभ देता है। इसलिए स्थापित करने से पहले स्वयं या किसी विद्वान ब्राह्मण से इसकी प्राण प्रतिष्ठा करवा लें।

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