जरा बचकर : आपकी मस्तिष्क रेखा ह्रदय रेखा से लिपटी तो नहीं ?
आइए जानते हैं क्या कहती है आपकी मस्तिष्क रेखा। यह कैसी रेखा शुभ होती है और किस प्रकार की रेखा बुरे संकेत देती है।
मस्तिष्क रेखा का उद्गम जीवन रेखा के उद्गम स्थान से निकलकर यह जीवन रेखा को ही काटती हुई दूसरे छोर पर जाती है। जीवन रेखा के उद्गम स्थान के पास से निकलकर हथेली के मध्य में समाप्त हो जाती है। जीवन रेखा के बराबर चलती हुई काफी आगे जाकर अपना रास्ता बदल लेती है। जीवन रेखा के पास से चलकर हथेली को दो भागों में बांटती हुई दूसरे छोर पर पहुंच जाती है। मस्तिष्क रेखा और हृदय रेखा आपस में मिलती हुई सी चलती है।
मस्तिष्क रेखा के फल मस्तिष्क रेखा से कोई पतली रेखा गुरु पर्वत की ओर जा रही हो तो वह व्यक्ति योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने वाला और बुद्धिमान होता है।
मस्तिष्क रेखा से कोई शाखा निकलकर गुरु पर्वत के अंत तक पहुंच जाए तो वह व्यक्ति श्रेष्ठ साहित्यकार या कलाकार होता है।
यदि मस्तिष्क रेखा हृदय रेखा से लिपटती हुई आगे बढ़े तो ऐसा व्यक्ति क्रोध में आकर अपनी पत्नी या प्रेमिका की हत्या कर देता है।
मस्तिष्क रेखा आगे बढ़कर हृदय रेखा को छू ले तो वह व्यक्ति अपनी पत्नी के अलावा अन्य कई स्त्रियों से संबंध रखता है।
मस्तिष्क रेखा का झुकाव सूर्य पर्वत की ओर हो तो व्यक्ति प्रशासनिक सेवाओं में उच्च पद प्राप्त करता है।
मस्तिष्क रेखा का झुकाव बुध पर्वत की ओर हो तो व्यक्ति अपनी बौद्धिक चतुराई से बिजनेस में बड़ा लाभ कमाता है।
मस्तिष्क रेखा जहां समाप्त होती है वहां क्रॉस का चिन्ह हो तो व्यक्ति वृद्धावस्था में पागल हो जाता है।
यदि मस्तिष्क रेखा पर कहीं भी नीला धब्बा हो तो व्यक्ति अपराधी प्रवृत्ति का होता है।
यदि मस्तिष्क रेखा के अंत में त्रिकोण हो तो व्यक्ति हत्यारा होता है। मस्तिष्क रेखा और हृदय रेखा दोनों टूटी हुई हो तो व्यक्ति का गृहस्थ जीवन सुखी नहीं रहता।