May 20, 2024     Select Language
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जानना चाहेंगे हथेली में कहां होता है धन भंडारा

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कोलकाता टाइम्स :

प्रत्येक व्यक्ति धनवान बनना चाहता है। धन हमेशा ही मनुष्य के लिए जीवनयापन करने की आवश्यक वस्तु रहा है। इसका महत्व कभी कम नहीं हुआ है। इसीलिए मनुष्य की यह स्वाभाविक प्रवृत्ति होती है कि वह हमेशा अधिक से अधिक धन अर्जित करने की लालसा रखता है। इसके लिए वह दिन-रात मेहनत भी करता है लेकिन धन का बहुत कुछ संबंध भाग्य से होता है। और अपना भाग्य जानने के लिए व्यक्ति ज्योतिष शास्त्र का सहारा लेता है।

हस्तरेखा शास्त्र में हथेली में धन भंडारा का वर्णन मिलता है..

हस्तरेखा शास्त्र में विभिन्न रेखाओं से मिलकर, उनके संयोग से अनेक प्रकार के शुभ-अशुभ योगों का निर्माण होता है। हस्तरेखा में ऐसे अनेक योग होते हैं जिनके आपके हाथ में होने या न होने से तय होता है कि आप कितना धन अर्जित करेंगे। कितने धनवान बनेंगे और पैसा कहां-कहां से आएगा। हस्तरेखा शास्त्र में हथेली में धन भंडारा का वर्णन मिलता है। धन भंडारा कैसे बनता है, किन रेखाओं से मिलकर बनता है और हथेली में कहां होता है, आइए जानते हैं।

कैसे-कहां बनता है धन भंडारा?
  • धन भंडारा हथेली के बिलकुल मध्य में जीवन रेखा, मस्तिष्क रेखा और भाग्यरेखा से मिलकर बनता है। जिस जगह से जीवन रेखा और मस्तिष्क रेखा प्रारंभ होती है, वहां से भाग्यरेखा इस प्रकार गुजरे कि तीनों से मिलकर त्रिकोण का चिन्ह बनता हो, तो यह धन भंडारा होता है।
  • यदि धन भंडारा एकदम स्पष्ट हो, कहीं से खुला हुआ नहीं हो, तीनों रेखाएं एक समान मोटाई और गहराई वाली हो तो मनुष्य अतुलनीय धन-संपत्ति का मालिक होता है।
  • इस धन भंडारा के अंदर एक और त्रिभुज हो तो ऐसा मनुष्य राजाओं के समान जीवन व्यतीत करता है। दो से अधिक साधनों से इसे इतनी आय होती है कि संभाले नहीं संभलती।
बहुत कुछ कहती हैं हाथों की लकीरें
  • धन भंडारा यदि कहीं से थोड़ा सा भी खुला हुआ है तो, यह ठीक नहीं होता है। ऐसे व्यक्ति के पास धन आता तो है, लेकिन उसी गति से चला भी जाता है।
  • धन भंडारा के मध्य से होकर कोई महीन रेखा भाग्य रेखा से उपर की ओर जाकर मिले तो व्यक्ति के धन कोष में उत्तरोत्तर वृद्धि होती जाती है।
  • यदि ऐसी रेखा नीचे की ओर जाए तो धन की हानि होती है।
  • धन भंडारा के मध्य में लाल तिल शुभ है, काला तिल अशुभ होता है।
  • धन भंडारा के मध्य से निकलकर कोई रेखा जीवन से जाकर मिले तो व्यक्ति को परिवार का पूरा सहयोग रहता है और पैतृक संपत्ति, गड़ा धन प्राप्त होता है।

यदि ऐसी रेखा मस्तिष्क रेखा से जाकर मिले या उसे काटते हुए उपर की ओर बढ़े तो व्यक्ति अपनी बौद्धिक क्षमता के दम पर करोड़पति बनता है। सफल बिजनेसमैन होता है।

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