July 4, 2024     Select Language
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देव नहीं देवी हैं हनुमान यहां 

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कोलकाता टाइम्स :

हिन्दुओं में हनुमान जी को खास माना जाता है. हुनमान जी के कई मंदिरों में महिलाओं का प्रवेश निषेध है. बहुत से ऐसे मंदिर हैं जहां पर महिलाएं नहीं जा सकती. वहीँ हनुमान जी का एक अनोखा मंदिर है जिसमें हनुमान जी की स्त्री रूप में पूजा होती है और सभी मनोकामनाओं की पूर्ती होती है. तो आइये जानते है इस अनोखे मंदिर के बारे में. इस मंदिर में हनुमान जी का रूप ऐसा क्यों है इसी के बारे में जानिए. इसके बाद आप भी एक बार जाने की चाह रखेंगे.

दरअसल, हनुमान जी का यह मंदिर छत्तीसगढ़ के रतनपुर गांव में है. यह संसार का इकलौता मंदिर है जहां हनुमान जी की नारी प्रतिमा की पूजा होती है. माना जाता है कि हनुमान जी की यह प्रतिमा दस हजार साल पुरानी है. जो भी भक्त श्रद्धा भाव से इस हनुमान प्रतिमा के दर्शन करते हैं उनकी सभी मनोकामना पूरी होती है. इसके पीछे भी एक कथा है जिसके चलते ऐसा रूप है.

प्राचीन काल में रतनपुर के एक राजा थे पृथ्वी देवजू. राजा हनुमान जी के भक्त थे. राजा को एक बार कुष्ट रोग हो गया. एक रात हनुमान जी राजा के सपने में आए और मंदिर बनवाने के लिए कहा. मंदिर निर्माण का काम जब पूरा हो गया तब हनुमान जी फिर से राजा के सपने में आए और अपनी प्रतिमा को महामाया कुण्ड से निकालकर मंदिर में स्थापित करने का आदेश दिया. जब राजा ने महामाया कुंड में भगवान हनुमान की प्रतिमा देखी तो वह नारी रूप में थी. राजा ने भगवान के आदेश के अनुसार भगवान हनुमान की उसी नारी रूपी प्रतिमा की स्थापना कर दी.

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