यहां चढ़ते हैं हाथी घोड़े, जानिए इसके पीछे का कारण
कोलकाता टाइम्स :
हमारे देश में कई मंदिर स्थित हैं जो अपने चमत्कार के लिए जाने जाते हैं. उनमे ही कारण वो ज्यादा चर्चा में रहते हैं. आज हम ऐसे ही एक मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर हठी और घोड़े चढ़ाये जाते हैं. इसके अलावा भी कई मंदिर तो ऐसे हैं जहां विभिन प्रकार के प्रसाद या कुछ ओर चढ़ाया जाता हैं, जिससे भगवान प्रसन्न हो. उसी तरह आज हम आपको एक ऐसे ही अजीब मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो जहां मुराद पूरी होने पर “हाथी-घोड़े” चढ़ाए जाते हैं. जानिए इस अनोखे मंदिर के बारे में जो काफी फेमस है.
दरअसल, झारखंड के जमशेदपुर से करीब 10 किमी दूर है सरायकेला. यहां सड़क के किनारे ‘हाथी-घोड़ा बाबा का मंदिर’ मौजूद है. इस मंदिर की परंपराएं काफी रोचक हैं. दरअसल, इस मंदिर में भक्त हाथी-घोड़े अर्पित करते हैं. इसके पहले आपको बता दें किए मिट्टी के बने होते हैं. कहा जाता है इसे आपकी मुरादें पूरी होती हैं. 300 साल पहले बनाए गए मंदिर की परंपरा भी इतनी ही पुरानी है. यह परंपरा कैसे शुरू हुई. इसके पीछे भी एक कहानी है.
इसके अलावा मान्यता है कि यहां द्वापरयुग में भगवान श्रीकृष्ण और बलराम ने घोड़े पर सवार होकर खेती के लिए इस ग्राम का दौरा किया था और फिर बलराम ने अपने हल से गम्हरिया की धरती पर खेती की नींव रखी थी. भगवान कृष्ण बलराम के जाने के बाद उनके घोड़े के साथ गम्हरिया में ही रहने लगे थे. तभी से ही गम्हरिया में घोड़े बाबा की पूजा अर्चना हो रही है. बहुत समय तक मंदिर में महिलाओं का प्रवेश वर्जित था लेकिन बाद में इसे हटा दिया गया और लड़कियां भी यहां प्रवेश कर सकती हैं. इसके अलावा मकर संक्रांति के दूसरे इस मंदिर मे काफी भीड़ रहती है. हाथी-घोड़ा बाबा के मंदिर में दूर-दूर से भक्त यहां आते हैं और मन्नत मांगते हैं. जिनकी मन्नत पूरी हो जाती है वह वह हाथी-घोड़ा भेंट करते हैं.