July 2, 2024     Select Language
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फिल्‍मी करियर छोड़ कराटे सीखने लगे थे यह सुपरस्टार   

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कोलकाता टाइम्स : 

दिग्गज कलाकार कमल हासन को हरफनमौला कलाकार के तौर पर जाना जाता है। इसका कारण है कि कमल हासन अनेक भाषाओं पर पकड़ रखते हैं। यह बात केवल व्यवहार में ही नहीं, बल्कि उनके अभिनय में भी झलकती है।

कमल हासन के जन्मदिन के मौके पर हम आपके लिए ऐसी कुछ रोचक बातें लेकर आए हैं जो यह बताती हैं कि आखिर कमल हासन इतने बड़े कलाकार क्यों हैं।

कमल हासन ने अपना फिल्मी करियर छह साल की उम्र में शुरू किया था। फिल्म थी ‘कलत्तूर कन्नम्मा’। इसका निर्देशन ए. भीमसिंह ने किया। बारह वर्षीय कमल की यह फिल्म साल 1959 में 12 अगस्त को प्रदर्शित हुई थी। यह वो दौर था जब कमल को उस समय के दिग्गज तमिल अभिनेता जेमिनी गणेशन के साथ एक्टिंग करने का मौका मिला था। हैरत की बात यह है कि इसी फिल्म के लिए कमल को सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था। इसके बाद कमल ने पांच अन्य फिल्मों में भी काम किया।

एक हीरो के रूप में कमल हासन को सफलता साल 1975 से मिली थी। फिल्म थी ‘अपूर्व रागंगल’। इस कहानी में कमल हासन ने एक उम्र में बड़ी महिला के साथ प्यार करने वाले अक्खड़ युवा की भूमिका निभाई थी। साल 1982 की फिल्म मून्राम पिरई हेतु उन्होंने एक निष्कपट स्कूल शिक्षक के किरदार में अपने अभिनय के लिए पहली बार भारतीय राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त किया, जो अपनी याद्दाश्त खोने वाली बच्चों जैसी युवती की देखभाल करता है। मणि रत्नम की नायकन (1987) में विशेष रूप से उनके अभिनय की सराहना हुई, जिसे टाइम पत्रिका ने सदाबहार सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक फिल्म का दर्जा दिया।

कमल बचपन से ही अपने करियर को लेकर बहुत प्रयोगवादी थे। उन्होंने फिल्मों को छोड़ एक बार फिर अपना ध्यान शिक्षा पर लगाया। इस दौरान उन्होंने भरतनाट्यम सीखा। साथ ही कराटे में भी दक्षता हासिल की। नौ सालों के अंतराल के बाद कमल एक बार फिर फिल्मों में लौटे। इस बार फिल्मों का स्तर कम बजट का था। साल 1972 में कमल हासन ने कई सहायक भूमिकाएं करना स्वीकार किया।

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