यहां पानी की बून्द-बून्द की कीमत उदा देंगे आपके होश
कोलकाता टाइम्स :
दुनिया में सबसे महंगा पानी नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में मिलता है. हाल ही में हुए एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि ओस्लो में एक बोतल पानी की कीमत बाकी शहरों के मुकाबले काफी ज्यादा है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में बताया गया है कि 120 शहरों में सर्च इंजन Holidu द्वारा कराए गए सर्वेक्षण के अनुसार, ओस्लो में पानी की बोतल की कीमत बाकी शहरों की तुलना में तीन गुना अधिक है. इसके बाद तेल अवीव, न्यूयॉर्क, स्टॉकहोम और हेलसिंकी का नंबर आता है.
Holidu द्वारा गुरुवार को जारी सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि जब बात 16.9-आउंस (500 मिली लीटर) पानी की बोतल खरीदने की आती है, तो सबसे ज्यादा कीमत ओस्लो में चुकानी पड़ती है. कंपनी के वाटर प्राइस इंडेक्स में अमेरिका के 30 और दुनिया के 120 शहरों में टैप वाटर और बोलत में मिलने वाले पानी की कीमत की तुलना की गई है. इन शहरों को टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में इनकी लोकप्रियता के आधार पर सर्वे में शामिल किया गया था. ओस्लो में केवल बोतलबंद पानी ही नहीं टैप वाटर (Tap Water) यानी की प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाला पानी भी दूसरों की तुलना में काफी महंगा है.
टैप वाटर के मामले में ओस्लो के बाद लॉस एंजिल्स, फीनिक्स, सैन फ्रांसिस्को और सैन डिएगो दुनिया के 20 सबसे महंगे शहरों में शामिल हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, ओस्लो में टैप वाटर सर्वे में शामिल अन्य देशों के मुकाबले 212% महंगा है और बोतलबंद पानी की दरें भी 195% अधिक हैं. Holidu के सीईओ और सह-संस्थापक जोहानस सीबर्स ने कहा, ‘सर्वे के आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं. यह देखकर ताज्जुब हुआ कि जिस पानी को हम अब तक ऐसे ही बर्बाद करते आए हैं उसके लिए लोगों को इतने पैसे चुकाने पड़ रहे हैं’.
संयुक्त राष्ट्र ने पिछले साल अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि जलवायु परिवर्तन बुनियादी मानव आवश्यकताओं के लिए जरूरी पानी की उपलब्धता, गुणवत्ता और मात्रा को प्रभावित कर रहा है. Holidu ने अपने इंडेक्स टैप और वाटर बोटल की कीमतों और गुणवत्ता का विश्लेषण किया है. इस सर्वे में विभिन्न कंपनियों की पानी बोतलों की अलग-अलग शहरों में कीमतों का पता लगाया गया. सीबर्स ने कहा कि बोतलबंद पानी की खपत पिछले दशक में काफी बढ़ गई है और उसमें कमी आने की कोई संभावना नहीं है. एक अनुमान के मुताबिक, बोतलबंद पानी के लिए वैश्विक बाजार 2025 तक $307.6 बिलियन तक पहुंच जाएगा.