November 23, 2024     Select Language
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नारियल से सिर्फ भगवन ही नहीं खुश रहता है आपका शरीर भी 

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कोलकाता टाइस :

नारियल को भारतीय सभ्यता में शुभ और मंगलकारी माना गया है. इसलिए पूजा-पाठ और मंगल कार्यों में इसका उपयोग किया जाता है. किसी कार्य का शुभारंभ नारियल फोड़कर किया जाता है. पूजा के प्रसाद में इसका प्रयोग किया जाता है नारियल पेट की कई बीमारियों को करे अकेले रफू चक्कर कर देता है.

1-एसीडिटी से ग्रसित होने पर सीने व पेट में जलन, जी मचलाना, उल्टी होने जैसा जी करना या उल्टी होना, मुंह में छाले होना, सिरदर्द, होना पतले दस्त लगना आदि लक्षण प्रकट होते हैं. कच्चे नारियल की सफेद गिरी, खस और सफेद चंदन का बुरादा दस-दस ग्राम ले. एक गिलास पानी में डाल कर शाम को रख दें. सुबह इसे मसल कर छान कर खाली पेट पीने से एसीडिटी धीरे-धीरे खत्म होने लगेगी.

2-मुंह के छाले होने पर नारियल की सफेद गिरी का टुकड़ा और एक चम्मच भर चिरोंजी मुंह में डालकर धीरे-धीरे चबाना व चूसना चाहिए.

3-इसका उपयोग काड लिवर आइल के स्थान पर सेवन में किया जा सकता है. यह कच्चा और पका हुआ दो अवस्थाओं में मिलता है. नारियल का पानी पिया जाता है. इसका पानी मूत्र, प्यास व जलन शांत करने वाला होता है.

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