July 2, 2024     Select Language
Editor Choice Hindi KT Popular धर्म

क्या पत्नी मंदोदरी की वजह से गयी थी रावण की जान?

[kodex_post_like_buttons]
कोलकाता टाइम्स :

ता दें कि तकरीबन सभी लोग आज भी यही मानते हैं कि यदि रावण का भेद उसके भाई विभीषण ने नहीं खोला होता तो रामायण की कहानी शायद कुछ और ही होती। मगर रावण की मृत्यु के पीछे कुछ अन्य बातें भी हैं जो बहुत कम ही लोगों को पता है। बता दें कि सृष्टि के रचयिता ने इस संसार में कब, क्या और कैसे होगा, सब कुछ पहले से ही तय कर दिया है। अब जो तय हो चुका है उसे भी भला कभी बदला जा सकता है क्या? रामायण का सुखद अंत भी रावण की मृत्यु के साथ हुआ, जो शायद कहीं न कहीं पहले से ही तय था। शुरुआत करें रावण के बचपन से तो रावण बचपन से ही काफी हठी था और बचपन में ही उसने कड़ी तपस्या कर के भगवान ब्रम्हा जी से अमरत्व का वरदान मांगा था।

अमर होने का हक सिर्फ देवताओं को ही था, अन्य किसी राक्षस या मनुष्य को नहीं। मगर रावण के हठ की वजह से उन्हें वह वरदान देना पड़ा। इसके साथ ही ब्रह्मा जी ने एक शर्त रखते हुए रावण को एक बाण दिया और कहा कि तुम्हारी मृत्यु इस बाण के प्रहार से ही होगी अन्यथा तुम अमर हो। फिर क्या था रावण ने उस बाण को अपनी सोने की लंका में अपने सिंहासन के पीछे एक खंभे में छिपा दिया ताकि कभी इसकी जानकारी किसी को न होने पाये। हालांकि, रावण के भाई विभीषण को इस बाण के बारे में जानकारी तो थी, लेकिन वह कहां रखा है इसका पता नहीं था। मगर विधि के विधान के अनुरूप एक बार हनुमान जी ब्राम्हण रूप में लंका पहुंचे और वहां पर राज दरबार में सभी का भविष्य बताने लगे।

ऐसा सुन रावण की पत्नी मंदोदरी भी अपना और अपने पति का भविष्य जानने हेतु उनके समक्ष आई। तब ब्राम्हण रूप में हनुमान जी ने बताया कि इस महल में एक ऐसा बाण है, जो तुम्हारे पति रावण के प्राण हर लेगा। यह सुनकर मंदोदरी एकदम से ही घबरा गयी। अब चूंकि उसे उस बाण के बारे में जानकारी थी सो उसने बिना विलंब किए तत्काल ही उसे हनुमान जी को सौंप दिया, ताकि उसके पति के प्राणों की रक्षा हो सके।

इसके बाद प्रभु श्री राम के भक्त हनुमान जी ने वह बाण उन्हें दे दिया, जिसके बाद रामायण के युद्ध में विभीषण ने रावण की मृत्यु का राज (नाभि पर वार) बताया और तब रामायण की अमर गाथा लिखते हुए श्री राम ने उस खास बाण से रावण की नाभि पर वार कर उसे मृत्यु के हवाले किया। जानकारी के लिए बता दें उस बाण से तो रावण का वध होना तय था लेकिन साथ ही ब्रह्मा जी ने यह भी कहा था कि यदि कोई व्यक्ति रावण की नाभि पर उस बाण से प्रहार करेगा तो ही वह मृत्यु को प्राप्त होगा। वैसे तो रावण अमर था मगर उसके कुकर्म और घमंड ही उसकी मृत्यु का कारण बने। यदि उसने पराई स्त्री को अपना बनाने की चेष्टा न की होती तो शायद उसका अंत इस तरह नही होता।

जैसा कि हम सभी सुनते आ रहे हैं रावण की मृत्यु का कारण उसका खुद का भाई विभीषण था। लेकिन आपको बता दें असल में उसकी मृत्यु की वजह कहीं न कहीं रावण की पत्नी मंदोदरी भी थी। अगर मंदोदरी ने वह बाण हनुमान जी को नहीं दिया होता तो विभीषण द्वारा रावण का राज बताने के बाद भी वह नहीं मरता। लेकिन होनी को कभी टाला नहीं जा सकता। राम और रावण के इस युद्ध से यह साबित होता है कि कभी खुद को दूसरों से महान नहीं समझना चाहिए क्योंकि जो व्यक्ति ऐसा सोचता है उसका अंत हमेशा बुरा ही होता है।

Related Posts