July 3, 2024     Select Language
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ब्लैक-व्हाइट के बाद अब बेहद खतरनाक येलो फंगस ने फैलाया पैर, यहां आया पहला मामला

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कोलकाता टाइम्स :

देश में कोरोना के बढ़ते संकट के बीच ब्लैक फंगस और व्हाइट फंगस के बाद अब येलो फंगस ने भी अटैक कर दिया है। येलो फंगस का पहला मामला गाजियाबाद में देखने को मिला है।

येलो फंगस को अभी तक मरीजों में मिले ब्लैक और व्हाइट फंगस से ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है। गाजियाबाद के जिस मरीज में येलो फंगस पाया गया है, उसकी उम्र 34 साल है और वह कोरोना से संक्रमित रह चुका है। इसके साथ ही वह डायबिटीज से भी पीड़ित है।

येलो फंगस ब्लैक और व्हाइट फंगस से ज्यादा खतरनाक है और घातक बीमारियों में से एक है। येलो फंगस पहले शरीर को अंदर से कमजोर करता है। येलो फंगस से पीड़ित मरीज को सुस्ती लगना, कम भूख लगना या फिर बिल्कुल भूख खत्म होने की शिकायत रहती है।

फंगस का असर जैसे जैसे बढ़ता है ये मरीज का वजन तेजी से कम होने लगता है और ये काफी घातक हो जाता है। अगर इस दौरान किसी को घाव है तो उसमें से मवाद का रिसाव होने लगता है और घाव बहुत धीमी गति से ठीक होता है। इस दौरान मरीज की आंखें धंस जाती है और कई अंग काम करना बंद कर देते हैं।

अगर किसी मरीज को काफी समय से सुस्ती लग रही है, कम भूख लगती है या फिर खाने का बिल्कुल भी मन नहीं करता तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ऐसे में तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।  इसका एकमात्र इलाज amphoteracin b इंजेक्शन है। जो एक ब्रॉड स्पेक्ट्रम एंटी फंगल है।

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