सावधान! बरसात में बिल से बाहर आ जाते है सांप सहित कीड़े-मकोड़े, काटने पर करें ये उपाय
[kodex_post_like_buttons]
कोलकाता टाइम्स :
मानसून की दस्तक के साथ सांपों के बाहर निकलने का सिलसिला भी शुरू हो जाता है। हर साल मानसून के दौरान देश में लाखों में सांप काटने के मामले सामने आते है। सांप काटने की ज्यादातर घटनाएं गांव में होती है। बहुत से गांव और देहातों में सांप काटने का इलाज मौजूद न होने पर लोगों को घरेलू उपचार करने पड़ते हैं।
गर्मियों और बरसात में ये सर्पदंश यानी सांप काटने की घटनाएं ज्यादा होती हैं क्योंकि गर्मियों में सांप हवा खाने के लिए बिल से बाहर आते हैं और बरसात में पानी भर जाने के बाद वो बिल से निकलकर कहीं सुरक्षित जगह छिप जाते हैं। अगर जहरीले सांप के काटने पर व्यक्ति को तुरंत इलाज मिल जाए तो व्यक्ति की मौत होने से बच सकती है। भारत मे 550 प्रजाति के सांप हैं, इनमे से मुश्किल से 10 प्रजाति के सांप जहरीले होते हैं। कई बार होता है कि साधारण सांप के काटने के डर से ही कुछ लोग सदमे में या हार्ट अटैक से मुत्यु हो जाती है। इसलिए किसी भी सांप के काटने पर घबराएं नहीं बल्कि शान्ति से काम लें। आइए हम आपको बताते हैं कि सांप काटने से बचने के कुछ उपाय।
इंजेक्शन से निकालें जहर वाला खून: अगर सांप काट ले तो सबसे पहले मेडिकल शॉप से इंजेक्शन लेकर आएं। इंजेक्शन में लगी सुई के नुकीले भाग को काट दें। इसके बाद इंजेक्शन पाइप का काम करेगा। जहां सांप ने काटा होगा वहां उसके दांतों के दो निशान दिखाई देंगे। पहले एक डंक पर इंजेक्शन रखकर इसे पीछे की ओर खींचे जैसे पिचकारी में पानी भर रहे हो और ऐसा तब तक करते रहें जब तक उस जगह से खून आना न बंद हो जाएं। दूसरी डंक वाली जगह पर भी ऐसा ही करें। ऐसा कम से कम पांच से 7 बार करें। इससे जहर निकल जाएगा और जान का खतरा भी कम हो जाएगा। आराम से डॉक्टर से सिखाया जा सकता है।
घर में हमेशा रखें ये दवाई जहां : सांप ज्यादा पाएं जाते हैं, वहां के लोगों को घर में NAJA 200 दवाई रखनी चाहिए। ये एक तरह की होम्योपैथी दवा है जो किसी भी होम्योपैथी मेडिकल स्टोर में उपलब्ध हो जाएगी।
ठंडे पानी का करें इस्तेमाल : डंक वाले स्थान को ठंडे पानी से धोएं। ऐसा करने से शरीर को आराम मिलेगा और सांप के काटने से उस जगह पर आपको राहत महसूस होगी। नींबू से करें साफ सांप काटने वाली जगह पर नींबू के रस से धुलाई करें, इससे इंफेक्शन का खतरा कम रहता है। घी भी करें काम पहले मरीज को 100 एम.एल. (लगभग आधा कप) घी खिलाकर उल्टी करवाने की कोशिश करें, अगर उल्टी न हो तो दस-पंद्रह के बाद गुनगुना पानी पिलाकर उल्टी करवायें, इससे विष के निकल जाने या असर के कम होने की संभावना होती है।
लहसुन : लहसुन तो हर किचन में मिल जाता है,उसको पीसकर पेस्ट बना लें और सर्पदंश वाले जगह पर लगायें या लहसुन के पेस्ट में शहद मिलाकर खिलाने या चटवाने से इन्फेक्शन कम हो जाता है।