November 23, 2024     Select Language
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आज तक ऐसा बदकिस्मत इंसान पैदा नहीं हुआ, जिसके साथ हर छह साल में घटी थी रहस्यमयी घटनाएं

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कोलकाता टाइम्स :

दकिस्मती किसे कहते हैं ये तो हर कोई जनता हैं.  जैसे कई लोग मानते हैं कि ‘वही होता है जो मंजूरे खुदा होता है’, इसलिए वो अपने हालात को बदलने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाते है. चाहे उनके साथ कोई नाइंसाफी ही क्यों न हो या फिर उनके ऊपर भयानक ज़ुल्म ही क्यों न ढाया जाए, वो इसे बस अपनी बदकिस्मती समझकर हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते हैं और कोई प्रयास नहीं करते है. आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसे ‘इतिहास का सबसे बदकिस्मत इंसान’ कहा जाता है. दरअसल, इसके पीछे एक बेहद ही रहस्यमय कहानी है, जिसके बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे.

इतिहास के सबसे बदकिस्मत इंसान का नाम था वाल्टर समरफोर्ड, जो ब्रिटेन का रहने वाला था. वह सेना में अफसर था. उसके साथ एक जैसी ही तीन रहस्यमय घटनाएं घटी थीं, जिसकी वजह से उसे ‘बदकिस्मत’ माना जाने लगा. और तो और मरने के बाद भी उसके साथ उसी तरह की घटना घटी थी. वाल्टर समरफोर्ड के साथ पहली घटना साल 1918 में घटी थी, जब विश्व युद्ध के समय उनकी तैनाती बेल्जियम में थी. एक दिन वह घुड़सवारी कर रहे थे, तभी उनके ऊपर आकाशीय बिजली गिर गई. इसकी वजह से उनके कमर के नीचे के पूरे शरीर में लकवा मार गया. हालांकि कुछ ही महीनों में वह पूरी तरह ठीक हो गए और चलने फिरने लगे, लेकिन उससे पहले ही सेना की ओर से उन्हें जबरन सेवा से मुक्त कर दिया गया था.

वाल्टर समरफोर्ड की मौत के बाद उनके परिजनों ने उन्हें कनाडा के वैंकूवर में स्थित माउंटेन व्यू कब्रिस्तान में दफना दिया. इसमें हैरानी की बात तो ये है कि आकाशीय बिजली ने उनके मरने के बाद भी उनका पीछा नहीं छोड़ा और साल 1936 में उनकी कब्र के ऊपर एक बार फिर से बिजली गिरी, जिससे उनकी कब्र के ऊपर लगाया गया पत्थर टूट गया. यह घटना भी तीसरी घटना के ठीक छह साल बाद ही घटी थी. अब हर छह साल बाद वाल्टर समरफोर्ड के ऊपर आकाशीय बिजली क्यों गिरती थी, यह आज भी एक रहस्य ही बना हुआ है. लेकिन जिस तरह से उनके साथ एक ही तरह की घटना बार-बार हुई, उन्हें ‘इतिहास के सबसे बदकिस्मत इंसान’ कहा जाने लगा.

वाल्टर समरफोर्ड के साथ दूसरी घटना पहली घटना के ठीक छह साल बाद यानी साल 1924 में घटी. उस वक्त वह कनाडा में अपने नए जीवन की शुरुआत कर चुके थे. एक दिन वह मछली पकड़ने के लिए पास के ही तालाब में गए, जहां वह एक पेड़ के नीचे बैठे हुए थे. तभी अचानक फिर से उनके ऊपर आकाशीय बिजली गिरी. इस बार उनके शरीर के दाईं ओर आधे भाग में लकवा मार गया. हालांकि चमत्कारिक रूप से वह दो साल में ही फिर से पूरी तरह ठीक हो गए और घूमने फिरने लगे.

दूसरी घटना के ठीक छह साल बाद यानी साल 1930 में वाल्टर समरफोर्ड के साथ फिर से उसी तरह की घटना घटी. वह एक पार्क में टहल रहे थे और खूबसूरत नजारों का आनंद ले रहे थे. तभी अचानक मौसम खराब हो गया और आसमान में काले-काले बादल छा गए. इसी बीच कड़कड़ाती हुई आसमानी बिजली उनके ऊपर आ गिरी. हालांकि इसके बावजूद उन्होंने दो साल तक अपनी जिंदगी के साथ संघर्ष किया, लेकिन आखिरकार वह जिंदगी की जंग हार गए और 1932 में उनकी मौत गई.

 

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