‘कांवड़ नहीं जान जरूरी’, लाखों को बचाने आईएमए ने धामी से की प्रतिबंध करने की मांग
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कोलकाता टाइम्स :
जहाँ देश में कोरोना ग्राफ कम होने का नाम नहीं ले रहा। वहीं लोगों में ढीलेपन बढ़ता ही जा रहा है। कुछ मामलों में धर्म-उत्सव के नाम पर हजारों-लाखों के जमावड़ा खतरनाक साबित हो रहा हैं। कुछ दिनों पहले कुम्भ में जो हुवा वह सभी को पता है। अब जुलाई-अगस्त में होने वाली कांवड़ यात्रा आतंक साबित न हो जाये ? हालाँकि पर रोक लगाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। उत्तराखंड की इंडियन मेडिकल एसोसिएशन शाखा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इस यात्रा पर रोक लगाने की मांग रखी है। कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका के चलते आईएमए ने इसे रद्द करने की आवाज उठाई है। इसे लेकर आईएमए के राज्य सचिव डॉक्टर अजय खन्ना ने सीएम को पत्र लिखा है।
आईएमए ने अपने पत्र में लिखा है कि तीसरी लहर देश में दस्तक देने वाली है। कोरोना की पहली लहर के बाद कोरोना गाइडलाइंस का पालन नहीं किया गया। जिसके चलते कोरोना की दूसरी लहर ने ज्यादा तबाही मचाई थी।
आपको बता दें कि, लगभग एक पखवाड़े तक चलने वाली कांवड़ यात्रा सावन महीने की शुरुआत से लेकर तकरीबन 15 दिन तक चलती है। जिसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश के लाखों कांवड़िए गंगा का पवित्र जल लेने के लिए हरिद्वार में जमा होते हैं।