July 3, 2024     Select Language
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सिर्फ 9 साल बाद अपनी जगह बदलते ही धरती पर विनाश ढायेगा चाँद : NASA का खुलासा 

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कोलकाता टाइम्स : 
लवायु परिवर्तन के चलते धरती के कई हिस्सों में अचानक से मौसम में बदलाव आ जाता है, जिसके चलते कई देशों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, खासतौर पर अमेरिका में, लेकिन अब एक अध्ययन में कहा किया गया है कि मौसम में बदलाव की वजह पृथ्वी का पड़ोसी चांद भी हो सकता है. इस अध्ययन को अमेरिकन स्पेस एजेंसी नेशनल एयरोनॉटिक्स और स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन के चलते बढ़ते समुद्र के जलस्तर के साथ चांद के अपनी कक्षा में ‘डगमगाने’ से धरती पर विनाशकारी बाढ़ आएगी. ये अध्ययन क्लाइमेट चेंज पर आधारित जर्नल नेचर में 21 जून को प्रकाशित हुआ है.चांद के चलते उत्पन्न होने वाली बाढ़ की स्थिति को अध्ययन में ‘उपद्रवी बाढ़’ कहा गया है. इस तरह की बाढ़ तटीय इलाकों में आती है, जब समुद्र की लहरें रोजाना की औसत ऊंचाई के मुकाबले 2 फीट ऊंची उठती हैं. ऐसी स्थितियां व्यापार के लिए समस्या पैदा करती हैं, जब घर और सड़क पानी में डूब जाती हैं और रोजाना कि दिनचर्या प्रभावित होती है.

नासा के अध्ययन के मुताबिक बाढ़ की ये स्थिति 2030 के मध्य में ज्यादा बनेगी और अनियमित भी होगी. अध्ययन में कहा गया है कि अमेरिकी तटीय इलाकों में समुद्र की लहरें अपनी सामान्य ऊंचाई के मुकाबले तीन से चार फीट ऊंची उठेंगी और ये सिलसिला एक दशक तक जारी रहेगा. अध्ययन में यह भी कहा गया है कि बाढ़ की ये स्थिति पूरे साल में नियमित तौर पर नहीं रहेगी, बल्कि कुछ महीनों के दरम्यान ये पूरी स्थिति बनेगी, जिससे इसका खतरा और बढ़ जाएगा.

नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने कहा, “समुद्र के बढ़ते जलस्तर के चलते निचले इलाकों में खतरा लगातार बढ़ रहा है और बार-बार बाढ़ आने से लोगों को मुश्किलें भी बढ़ रही हैं और आने वाले समय में और बढ़ेगी.” उन्होंने कहा, “अपनी कक्षा में चांद के जगह बदलने से गुरुत्वीय खिंचाव, बढ़ता समुद्रीय जलस्तर और क्लाइमेट चेंज एक साथ मिलकर वैश्विक स्तर पर तटीय इलाकों में बाढ़ की स्थिति पैदा करेंगे.”

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