July 2, 2024     Select Language
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गजब ! आज भी राष्ट्रीय फूल को तरस रहा यह देश

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कोलकाता टाइम्स : 
दुनिया में ऐसे कई देश हैं, जो किसी न किसी कारण से खास और अनोखे हैं, उनकी अलग अलग खासियतों की वजह से वो देश भी जाने जाते हैं. ऐसा ही है पूर्वी अफ्रीका में स्थित देश युगांडा. यह देश कई मायनों में खास है और खासकर भारतीयों के लिए, क्योंकि एक वक्त था जब यहां की एक बड़ी आबादी भारतीय हुआ करती थी, लेकिन साल 1972 में उन्हें जबरन देश छोड़ने का आदेश दे दिया गया था. हालांकि अभी भी यहां पर एशियाई मूल के लोगों की कमी नहीं है. आज हम आपको इस देश की कई रोचक बातें बताने जा रहे हैं, जिसे जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे.

बता दें की युगांडा एक लैंडलाक देश है यानी यह चारों तरफ से भूमि से घिरा हुआ है. इसकी सीमा पूर्व में केन्या, पश्चिम में कांगो, उत्तर में सूडान और दक्षिण में तंजानिया से मिलती है. आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां की एक तिहाई जनसंख्या अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करती है. यहां के लोगों की हर रोज की कमाई दो डॉलर यानी 153 रुपये से भी कम है. युगांडा में एक चर्च है, जिसे यहां का सबसे छोटा और संभवत: दुनिया का दूसरा सबसे छोटा चर्च माना जाता है. यह इतना छोटा है कि यहां पादरी को मिलाकर सिर्फ तीन लोग ही खड़े हो सकते हैं. 1996 में बने इस चर्च का वैसे तो कोई नाम नहीं है, लेकिन लोग इसे ‘बिकू पहाड़ी का चर्च’ के नाम से जानते हैं.

वैसे तो लगभग हर देश का कोई न कोई राष्ट्रीय फूल होता ही है, जैसे कि भारत का राष्ट्रीय फूल कमल है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि युगांडा में कोई राष्ट्रीय फूल है ही नहीं. अब इसकी वजह तो युगांडा ही बता सकते हैं. दुनिया के सबसे खूंखार तानाशाहों में से एक ईदी अमीन भी युगांडा का ही तानाशाह था. कहते हैं कि वो बंदरों से लेकर इंसानों तक का भी मांस खा जाता था. एक अनुमान के अनुसार, उसके शासनकाल में एक लाख से पांच लाख के बीच लोग बेरहमी से मार डाले गए गए थे.

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