मौत का ऐसा चेहरा दुनिया शायद ही देखि होगी, हर तीन में से एक की जान लेगा कोरोना का यह वेरिएंट

प्रकाशित की गई शोध रिपोर्ट में चेताया गया है कि कोरोना वायरस का जो वेरिएंट अब भविष्य में आएगा, वो मर्स वेरिएंट से भी अधिक घातक होगा. इस वेरिएंट की इस समय मृत्यु दर 35 फीसदी है. शोध पत्र में वैज्ञानिकों की टीम ने सुझाव दिया है कि जिन जानवरों के जरिये कोरोना वायरस का नया वेरिएंट उत्पन्न होने की आशंका है, उन्हें या तो मार देना चाहिए या फिर उनका टीकाकरण करना चाहिए. ऐसे में इन जानवरों में वायरस के नए वेरिएंट को पनपने से रोका जा सकता है. इन्हीं जानवरों के जरिये नया वेरिएंट इंसानों में फैलता है.
वैज्ञानिकों ने अपने शोध में इस बात से भी आगाह किया है कि अगर कोरोना वायरस का आने वाला वेरिएंट मौजूदा बीटा, अल्फा या डेल्टा वेरिएंट का मिलाजुला स्वरूप होगा तो इसपर कोविड 19 वैक्सीन भी बेअसर हो सकती हैं. इससे मृत्यु दर में इजाफा हो सकता है. हालांकि इस रिपोर्ट में इस अगले संभावित वेरिएंट का नाम नहीं बताया गया है. लेकिन इसे सुपर म्यूटेंट वेरिएंट कहा गया है.
वैज्ञानिकों का कहना है कि मौजूदा कोरोना वायरस की वैक्सीन तब तक ही प्रभावी रहेगी जब तक कि कोई अतिरिक्त शक्तिशाली कोरोना वेरिएंट नहीं आ जाता है. लेकिन ये वैक्सीन पूरी तरह से कोरोना वायरस जनित बीमारी को रोक पाने में विफल हैं. ऐसे में कोरोना वायरस का नया वेरिएंट अधिक जानलेवा हो सकता है. वहीं ब्रिटेन में कोरोना वायरस की स्थिति पर नेताओं का कहना है कि सरकार को अभी संतुष्ट नहीं होना चाहिए. क्योंकि ब्रिटेन अभी कोरोना की तीसरी लहर से उबर रहा है.