‘पत्नी का सम्मान करें, वरना …’ सुप्रीम कोर्ट के जज ने पति को दी कड़ी हिदायत
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन वी रमण और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ बिहार की राजधानी पटना के रहने वाले व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसकी अपनी पत्नी के साथ बहुत कड़वाहट भरी कानूनी लड़ाई चल रही थी. पीठ ने हिंदी में पहले रांची के कांके निवासी महिला से पूछा कि क्या वह व्यक्ति के साथ पत्नी के रूप में रहने के लिए अपनी ससुराल वापस जाना चाहती है. महिला ने सुनवाई के शुरू में कहा, ‘मैं जाने को तैयार हूं, बस टॉर्चर ना करे.
न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने व्यक्ति से पूछा, ‘क्या तुम सभी मुकदमे वापस लेना चाहते हो. एक तुम्हारे पिता ने भी दर्ज कराया है.’ इस पर व्यक्ति ने ‘हां’ में जवाब दिया. पीठ ने कहा, ‘कहीं यह जमानत पाने के लिए नाटक तो नहीं, हम तुम्हें नहीं छोड़ेंगे… हम इस याचिका को लंबित रख रहे हैं. सारे मुकदमे वापस लो और एफिडेविट दो. हम छोड़ेंगे नहीं. अन्यथा, तुम्हें वापस जेल जाना होगा. इसके बाद पति ने कहा कि वह पत्नी के साथ बुरा व्यवहार नहीं करेगा और शांति से उसके साथ रहेगा.
जस्टिस सूर्यकांत ने व्यक्ति को अदालत में किया गया वायदा तोड़ने के खिलाफ आगाह किया और यह बताने के वास्ते शपथपत्र दायर करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया कि वह तलाक की याचिका सहित अपनी पत्नी के खिलाफ दायर किए गए सभी मुकदमे वापस ले लेगा. इस बीच उसके सम्मान को कायम रखते हुए उसे वापस अपने घर ले जाएगा.