July 3, 2024     Select Language
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मलेरिया में रामवाण है सफ़ेद कत्थे का सेवन

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कोलकाता टाइम्स :

त्थे का ज्यादातर इस्तेमाल पान बनाने के लिए किया जाता हैं क्योंकि कत्थे लगाए बिना पान का स्वाद अधूरा होता है.कत्था ‘खैर’ नाम के पेड़ के अंदर की सख्त लकड़ी से निकाला जाता है. आज हम आपको बताने जा रहे है की पान पर लगाने के अलावा कत्था हमारी सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है .

तो आइये जानते है की कत्था कैसे हमारी सेहत को लाभ पहुँचाता है –

1-अगर आपके दांतों में कीड़े हैं या फिर दांतों से खून निकलता हो तो ऐसे में आप कत्थे का इस्तेमाल कर सकते हैं. कत्थे को मंजन में मिला कर दांतों और म़सूड़ों पर सुबह शाम मंजन की तरह मले. आपके 2-3 बार ऐसा करने पर कीड़े खत्म हो जाएंगे और खून आना भी बंद हो जाएगा. इसके अलावा मुंह की बदबू भी दूर हो जाएगी.

2-मलेरिया के बुखार में भी सफेद कत्था काफी फायदेमंद साबित होता है. 10 ग्राम सफेद कत्था को नीम के रस में मिला लें और इसकी छोटी-छोटी गोलियां बनाकर इसका सेवुन करें. इस बात का भी खास ध्यान रखें कि इस गोली का सेवन बच्चे या गर्भवती महिलाएं ना करें.

3-300 मिलीग्राम कत्थे का चूर्ण मुंह में रख कर चूसने से गले की काफी समस्याओं से राहत मिलती है. जैसे- गला बैठना, आवाज रूकना, गले की खराश और छाले आदि. इसका दिन में 5 से 6 बार सेवन करना चाहिए. इसके अलावा लगभग 360 से 720 मिलीग्राम कत्था सुबह-शाम चाटने से भी लाभ मिलता है. इससे सूखी खांसी भी दूर हो जाती है.

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