आखिरकार 66 साल बाद यहां लेडी ऑफिसर्स को नहीं साबित करना होगा खुदको ‘सती’
इंडोनेशिया सेना न आखिरकार महिला कैडेट्स के लिए लंबे समय से चले आ रहे वर्जिनिटी टेस्ट को खत्म कर दिया है. पिछले दिनों खुद चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ की तरफ से इस बात का ऐलान किया गया. इंडोनशिया के सुरक्षाबलों में इस अमानवीय कृत्य के बारे में दुनिया को साल 2014 में पहली बार पता लगा था. तब ह्यूमन राइट्स वॉच ने इस प्रैक्टिस का खुलासा अपनी एक रिपोर्ट में किया था.ह्यूमन राइट्स वॉच की तरफ से हुई एक जांच के मुताबिक वर्जिनिटी टेस्ट का चलन महिला कैडेट्स पर साल 1965 में शुरू हुआ था. राष्ट्रीय पुलिस सिद्धांतों के विपरीत इसे मंजूरी मिली थी. पुलिस सिद्धांतों के मुताबिक पुरुष हो या महिला दोनों का रिक्रूटमेंट बिना किसी भेदभाव के और मानवीय आधारों पर ही होना चाहिए.
इसी साल इंडोनेशिया की राजनीति, कानून और सुरक्षा मामलों की को-ऑर्डिनेटिंग मिनिस्टर टेडजो एधी ने मीडिया से कहा था कि इस तरह के टेस्ट महिलाओं के लिए जरूरी हैं और मिलिट्री रिक्रूटमेंट भी इनकी जरूरत है. न सिर्फ महिला कैडेट्स के लिए ये टेस्ट जरूरी थी बल्कि वो महिला जो किसी सैनिक से शादी करने वाली होती थी, उसे भी वर्जिनिटी टेस्ट से गुजरना पड़ता था. राष्ट्रीय पुलिस भर्ती में इस प्रैक्टिस पर साल 2015 में ही रोक लग दी थी मगर मिलिट्री में ये जारी थी.