June 28, 2024     Select Language
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बच्चे को फेंकते ही बोल उठा सैनिक, ‘किसी माँ को न होना पड़े इतना बेबस’

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कोलकाता टाइम्स :

तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में भगदड़ मची हुई है. बड़ी संख्या में अफगानी इस उम्मीद में एयरपोर्ट पहुंच रहे हैं कि शायद कोई उन्हें मुल्क से बाहर ले जाए. काबुल हवाईअड्डे के बाहर हजारों लोग मौजूद हैं, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. हर तरफ चीख-पुकार मची हुई है. अफगान महिलाएं रो-रोकर अमेरिकी और ब्रिटिश सैनिकों से जान बचाने की भीख मांग रही हैं. यह नजारा देखकर सख्त सैनिकों की आंखें भी नम हैं. उनके आंसू रोके नहीं रुक रहे हैं.

‘द सन’ की रिपोर्ट के अनुसार, काबुल एयरपोर्ट फिलहाल अमेरिकी और ब्रिटिश सैनिकों के कब्जे में है, जबकि बाहर तालिबान तैनात है. अफगानिस्तान छोड़ने की आस में एयरपोर्ट पहुंचने वालीं महिलाओं के सबसे बुरे हाल हैं. वे रो-रोकर सैनिकों से जान बचाने की गुहार लगा रही हैं, लेकिन हर व्यक्ति की मदद करना सैनिकों के लिए मुमकिन नहीं. इस मजबूरी और बेबसी के चलते सैनिक भी दुखी हैं और उनका दुख आंसुओं के रूप में बाहर आ रहा है.

अफगानी महिलाएं अपने बच्चों की हिफाजत के लिए उन्हें दूसरों को सौंपने पर भी विवश हो गई हैं. महिलाएं हवाईअड्डे के गेट पर लगीं कटीले तारों से ऊपर से बच्चों को सैनिकों की तरफ फेंक रही हैं. बुधवार को जब एक महिला ने अपनी छोटी बच्ची को तारों के ऊपर से फेंका तो उसे दूसरी तरफ खड़े ब्रिटिश सैनिक ने उसे लपक लिया. मां की यह बेबसी देखकर सैनिक की आंखों में भी आंसू आ गए. वह बोल उठा किसी माँ को ना करना पड़े ऐसा काम।

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