सुरक्षा तो दूर लिव इन रिश्ते को ही हाई कोर्ट ने बना दिया अपवित्र
कोलकाता टाइम्स :
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने एक जोड़े की सुरक्षा याचिका को ठुकराने से पहले एक विवाहित महिला के लिव-इन रिलेशनशिप को अपवित्र करार दिया है. न्यायमूर्ति संत प्रकाश ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता-दंपति का मामला यह था कि महिला के माता-पिता ने उसकी इच्छा के विरुद्ध उसकी शादी जुलाई 2018 में कर दी थी. उस विवाह में से एक बच्चे का जन्म हुआ. लेकिन महिला शादी से नाखुश थी.
आरोप यह भी है कि पति उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करता था. इसलिए उसने अपना वैवाहिक घर छोड़ दिया और सह-याचिकाकर्ता के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही थी. याचिका में यह भी कहा गया था कि उनके पति और कुछ अन्य रिश्तेदार उसकी लिव-इन रिलेशनशिप से नाखुश हैं और उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे थे.न्यायमूर्ति संत प्रकाश ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को आशंका है कि निजी प्रतिवादी उन्हें नुकसान पहुंचाएंगे. ऐसे में उन्होंने 13 अगस्त को पुलिस अधिकारियों को एक शिकायत पत्र सौंपा. लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं की गई, जिससे उन्हें हाईकोर्ट में याचिका दायर करने के लिए मजबूर होना पड़ा.