November 23, 2024     Select Language
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ज्यादा खुश न हो हमेशा शुभ नहीं होती डबल भाग्यरेखा, जानिए क्यों

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कोलकाता टाइम्स : 

स्तरेखा शास्त्र में आमतौर पर किसी भी रेखा का डबल होना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि यदि किसी महत्वपूर्ण रेखा के समानांतर कोई और ठीक वैसी ही रेखा चले तो इसे सपोर्टिव लाइन या सहायक रेखा कहा जाता है। यदि जीवन रेखा के समानांतर कोई अन्य रेखा चले तो इसे दोहरी जीवन रेखा माना जाता है। ऐसी रेखा होने पर व्यक्ति को जीवन में किसी का साथ मिलता है और वह अपनी सारी परेशानियों से जल्दी ही बाहर निकल आता है।

लेकिन… यदि हम बात भाग्य रेखा की करें, तो यहां मामला जरा अलग है। यदि किसी व्यक्ति के हाथ में दोहरी भाग्य रेखा है तो यह किस्मत की राह में रोड़े भी अटका सकती है। कुछ मायनों में दोहरी भाग्य रेखा सपोर्ट देने का काम भी करती है, लेकिन ज्यादातर स्थितियों में डबल भाग्य रेखा होना शुभ सूचक नहीं है। आइए जानते हैं विस्तार से-

– यदि किसी जातक के हाथ में मणिबंध क्षेत्र से भाग्य रेखा निकलकर शनि पर्वत तक पहुंच रही है और उसके समानांतर दूसरी भाग्य रेखा चल रही है तो ऐसे व्यक्ति की आय से दोगुना खर्च की स्थिति बनती है।

– यदि भाग्य रेखा के समानांतर दूसरी भाग्य रेखा जीवन रेखा से प्रारंभ हो तो जीवन रेखा के जिस स्थान से वह शुरू होती है, जीवन के उस आयु वर्ष में व्यक्ति को बड़ी धन हानि उठानी पड़ती है।

– यदि भाग्य रेखा के समानांतर दूसरी भाग्य रेखा मस्तिष्क रेखा से प्रारंभ हो रही हो तो व्यक्ति की किस्मत ऐन मौके पर रूठ जाती है। उसके काम बिलकुल पूरे होने की स्थिति में आ जाते हैं, लेकिन रुक जाते हैं। इससे व्यक्ति को भारी मानसिक तनाव होता है।

– यदि भाग्य रेखा के समानांतर दूसरी भाग्य शुरू से अंत तक चल रही हो और अंतिम बिंदु पर आकर दोनों मिल जाए तो व्यक्ति को किसी भी कार्य में सफलता विलंब से मिलती है।

– यदि हथेली में दो भाग्य रेखा हों और उनमें से एक कटी-फटी हो तो व्यक्ति को जीवन में अनेक बार बड़ी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। ये हैं शुभ संयोग – पश्चिमी देशों के कुछ हस्तरेखा विशेषज्ञ डबल भाग्य रेखा को डबल इनकम से जोड़ते हैं।

– यदि डबल भाग्य रेखा चंद्र पर्वत से प्रारंभ हो तो व्यक्ति धनवान होता है और खासकर विदेशों से पैसा कमाता है, लेकिन ऐसा व्यक्ति अपने वैवाहिक जीवन में संतुष्ट नहीं होता है।

– यदि मुख्य भाग्य रेखा लंबी हो और दूसरी भाग्य रेखा छोटी हो तो यह सहायक बनकर व्यक्ति का साथ देती है। ऐसे व्यक्ति को पत्नी या स्त्री मित्रों से सहयोग मिलता है।

– दोनों भाग्य रेखा हूबहू एक जैसी हों और गहरी लालिमा लिए हों तो व्यक्ति को धन की कभी कमी नहीं होती।

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