काबुल ब्लास्ट : मासूमों को मौत देने में ऐसे जुड़ा पाकिस्तान का रिश्ता
कोलकाता टाइम्स :
इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस (IS-KP) के चीफ मावलावी अब्दुल्ला उर्फ असलम फारूकी पहले लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था, जो हक्कानी नेटवर्क के साथ मिलकर काबुल और जलालाबाद में हुए कई हमलों में शामिल रहा है. असलम फारुखी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान से भी जुड़ा था.
असलम फारुखी पाकिस्तानी है, जिसे अफगानी फोर्सज ने पिछले साल अप्रैल 2020 में गिरफ्तार किया था. असलम फारुखी पिछले साल काबुल के गुरुद्वारा पर हुए हमले की साजिश में शामिल था, जिसमें 25 लोग मारे गए थे.
हक्कानी नेटवर्क की मदद से किए गए इस हमले में भारतीय राजदूत निशाने पर थे. असलम फारुखी ने केरल के रहने वाले ISIS के आतंकी मुहसिन तिकरीपुर से फिदायीन हमले कराए थे. काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान ने असलम फारुखी को बगराम जेल से रिहा कर दिया था.
पिछले साल जब IS-KP चीफ असलम फारुखी को गिरफ्तार किया गया था तो पाकिस्तान ने असलम की कस्टडी मांगी थी. पाकिस्तान को डर था कि अगर असलम फारुखी ने पाकिस्तान एजेंसियों से उसके लिंक का खुलासा कर दिया तो पाकिस्तान बेनकाब हो जाएगा. अफगानी सरकार ने असलम फारुखी की कस्टडी डिमांड को खारिज कर उसे पाकिस्तान को सौंपने से मना कर दिया था
बता दें कि काबुल धमाके की जिम्मेदारी IS-KP ने ली है. मीडिया में जारी किए बयान में उसने कहा है कि उसके फिदायीन हमलावर Abdul Rahman Al Logari ने इस हमले को अंजाम दिया है.