November 23, 2024     Select Language
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ऊंचाई पर जाते ही भारत के आगे नाक रगड़ने लगते है चीनी

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कोलकाता टाइम्स :
चीन अपनी सेना को सबसे ताकतवर बनाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है. वो अत्याधुनिक हथियार बना रहा है, आधुनिक तकनीक विकसित कर रहा है, लेकिन इसके बावजूद उसके सैनिक ऊंचे स्थानों पर लड़ने के काबिल नहीं हैं. पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के पूर्वी लद्दाख में घुसपैठ के बाद कदम वापस खींचने का ये भी एक बड़ा कारण था. जबकि भारतीय सैनिक इसी इलाके में अपेक्षाकृत ज्यादा ऊंचे ठिकानों पर कम तैयारियों के बावजूद डटे रहे थे.

अमेरिकी मैगजीन ‘नेशनल इंटरेस्ट’ के मुताबिक, चीन ऊंचाई वाले स्थानों पर सेल्फ प्रोपेल्ड रॉकेट लांचर, सेल्फ प्रोपेल्ड हावित्जर तोप और लांग रेंज रॉकेट लांचर की कम समय में तैनाती में सक्षम है. ऐसा उसने पूर्वी लद्दाख में घुसपैठ के दौरान किया था. चीनी सेना ने ऊंचाई वाले स्थानों पर एक्सरसाइज के वीडियो सार्वजनिक किए थे. चीन की कम्युनिस्ट सरकार के मुखपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने अपनी सेना की तारीफ वाले कई लेख भी प्रकाशित किया थे.

हालांकि, पहाड़ों पर हथियारों और मशीनों की ताकत खड़ी करने के बावजूद चीन उनका इस्तेमाल करने वाले सैनिकों में लड़ने की इच्छाशक्ति पैदा नहीं कर सका. PLA के सैनिक ज्यादा ऊंचाई वाले इलाकों में वातावरण की चुनौतियां झेल पाने में सक्षम नहीं हैं. आक्सीजन की कमी और शून्य से काफी नीचे तापमान पर उनकी सांसें उखड़ने लगती हैं.

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