May 20, 2024     Select Language
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आपकी सौभाग्‍य की निशानी ना बन जाये जान के लिए खतरे 

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कोलकाता टाइम्स : 

हिंदू धर्म में सिंदूर विवाह‍ित महिलाओं की पहचान होती है जिसे वो सौभाग्‍य और सुहाग के प्रतीक के तौर पर लगाती है। माना जाता है क‍ि इसे लगाने से पति की उम्र बढ़ती है। लेक‍िन क्‍या आप जानते है मांग में भरा जाने वाला एक चुटकी सिंदूर आपको बीमार भी कर सकता है। इसमें मौजूद भारी केमिकल की वजह से आपकी स्किन के ल‍िए खतरनाक साबित हो सकता हैं

दरअसल पुराने समय में हर्बल तरीकों से सिंदूर को बनाया जाता था, जिस वजह से उसका कोई नुकसान नहीं होता था। लेकिन आजकल मार्केट में सिंथेटिक इंड्रस्‍टी से जुड़े लोग सस्‍ते सिंदूर के नाम पर केमिकल बेच रहे हैं। इस सिंदूर में भारी मात्रा में रेड लेड और मरकरी का इस्‍तेमाल क‍िया जाता है जो आपकी स्किन के ल‍िए खतरनाक हो सकता है और कई समस्‍याएं पैदा कर सकताहै। आइए जानते है सिंथेटिक सिंदूर लगाने के नुकसान और घर पर हर्बल सिंदूर बनाने के तरीके के बारे में।

ऐसे बनता है सिंथेटिक सिंदूर 

सिंथेटिक डाई इंडस्‍ट्री से जुड़े लोग सस्‍ती डाई का इस्तेमाल करके सिंदूर बनाते हैं। सिंथेट‍िक सिंदूर का दाम हर्बल सिंदूर की तुलना में कम होते हैं। क्योंकि उत्पादक सिंदूर को सस्ता बनाने के लिए उसमें काफी केमिकल मिलाते है जो सिंदूर के रंग को और भी लाल बनाने में सहायता करते हैं। इसल‍िए महिलाओं को सिंदूर खरीदते समय इसकी सामग्री-सूची पर जरुर ध्‍यान दें। सिंदूर में मिलाई जाने वाली आर्टिफिशियल डाई, सिंथेटिक डाई, मरकरी सल्फेट और rhodamine b डाई हैरिडिटी डिसऑर्डर, डैंड्रफ और खुजली का कारण बनती है। कुछ मेनुफैक्चर इसको गहरा लाल करने के लिए लेड ट्रेट्रोएक्साइड भी मिलाते है जो सेहत के ल‍िए खतरनाक हो सकता है।

स्किन केंसर होने का खतरा 

लेड को बनाने में जिन केमिकल्स का यूज होता है वो बाल झड़ने के साथ ही स्किन रेशेज और खुजली का कारण बन सकते हैं। आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि मरकरी सल्फेट स्किन केंसर का कारण हो सकता है। जिससे आप‍की मौत भी हो सकती है। इसके साथ ही ये ब्रेन को भी इफेक्ट कर सकता है।

एक शोध में कहा गया कि सिंदूर में लेड (शीशा) की खतरनाक मात्रा की वजह से आईक्यू स्तर घटने और बच्चों की वृद्धि में देरी का खतरा रहता है। अमेरिका की रूजर्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने भारत और अमेरिका के अलग-अलग स्थानों से सिंदूर के सैंपल एकत्र कर रिसर्च किया। जिसमें मालूम चला क‍ि अमेरिका के 83 फीसदी जबकि भारत के 78 फीसदी नमूनों में प्रति ग्राम सिंदूर में लेड की मात्रा 1 माइक्रोग्राम पाई गई, जो सामान्य स्तर से ज्यादा है। जिसका प्रतिद‍िन इस्‍तेमाल करने से महिलाओं को स्किन से संबंधित कई समस्‍याएं हो सकती हैं।

सिंदूर के साइड इफेक्‍ट्स से ऐसे बचें 

 प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे हल्दी और फिटकरी का इस्तेमाल करके सिंदूर बना सकते हैं।

– बाजार में मिलने वाले सस्‍ते सिंदूर को न खरीदें।

– सिंदूर की जगह लाल लिपस्टिक या लाल लाइनर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

– हर्बल सिंदूर का इस्‍तेमाल करें।

– नहाने के वक्त गलती से भी सिंदूर मुंह में न चला जाए, इस बात का ध्यान रखें।

– सोने से पहले सिंदूर को मेकअप साफ करने के जैसे साफ करके ही सोना चाहिए

– बच्चों से बचा कर रखना चाहिए।

– मांग में कम मात्रा में ही सिंदूर लगाए।

– सिंदूर लगाने के बाद हाथ धो लेना चाहिए।

– अच्‍छे ब्रांड का सिंदूर खरीदे, जिसमें लेड न हो और सामग्री की सूची पर जरुर ध्‍यान दें।

घर पर ऐसे बनाएं सिंदूर 

घर पर आप सिंदूर आसानी से बना सकते हैं, जिसके लिए- – हल्दी – चूना – पानी अब समान मात्रा में एक साथ इन्‍हें मिलाए और उसमें ज़रूरत के अनुसार पानी डालकर पेस्ट बना लें, पेस्ट को छोटे गोले का रूप दें और धूप में सूखने के लिए छोड़ दें। सूखने के बाद गोले को पीसकर सिंदूर बना लें। और अब इसे हवाबंद जार में संरक्षित करके रख दें।

सिंदूर लगाने के वैज्ञान‍िक कारण

– सिंदूर में पारा धातु होता है। जो महिलाओं की ब्रह्मरंध ग्रंथि के लिए अच्छा होता है। इसे लगाने से तनाव कम होता है और एकाग्रता को बढ़ाता है।

– सिंदूर ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित रखने के साथ ही मन को शांत रखता है।

– सिंदूर रक्त संचार को बढ़ाने में भी मदद करता है।

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