इस डर से गिफ्ट में क्या मिला बताने से इमरान ने किया इंकार
गिल ने कहा कि आमतौर पर प्रधानमंत्री इन तोहफों को तोशाखाना में जमा कर देते हैं, अगर वह उन्हें अपने पास रखना चाहते हैं, तो इसके लिए उन्हें कुछ पैसे का भुगतान करना होता है. हालांकि, गिल ने ये नहीं बताया कि कौन से तोहफे प्रधानमंत्री के पास हैं और किन तोहफों को तोशाखाना में रखा गया है. प्रधानमंत्री के विशेष सहायक ने कहा कि पिछली सरकार में ऐसे तोहफों के लिए 15 फीसदी राशि का भुगतान किया गया था, लेकिन पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार के दौरान, तोहफे का 50 फीसदी मूल्य कोषागार में जमा किया जाता है.
पुरानी सरकार पर तंज कसते हुए गिल ने कहा कि अन्य देशों से लिए गए तोहफे गायब नहीं हुए हैं और पीटीआई के कार्यकाल के दौरान ऐसा नहीं होगा. दरअसल, पाकिस्तान के एक नागरिक ने सूचना आयोग के जरिए इमरान खान को विदेशों से मिले गिफ्ट्स की जानकारी मांगी थी. जिसके बाद आयोग ने सरकार से जानकारी देने को कहा,