इनकी नाक बचाने के लिए अपनाना पड़ा 3000 साल पुराना तकनीक नाक
दरअसल चार साल पहले आतंकियों की गोलीबारी में शम्सा की नाक बुरी तरह से घायल हो गई थी और नाक का काफी हिस्सा खत्म हो गया था, जिसके चलते वह ना तो सूंघ पाती थीं और ना ही सही से सांस ले पाती थीं। शम्सा खो गोली इस तरह से लगी थी कि वह नाक के भीतर घुस गई थी और अंदरूनी हिस्से को नष्ट कर दिया था। उनकी
शम्सा का ऑपरेशन मेडस्पार के प्लास्टिक सर्जन अजय कश्यप ने किया था। उन्होंने बताया कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि आधुनिक तकनीक सुश्रुत की तकनीक पर ही आधारित है। आज भी उनकी तकनीक की मदद से हम नाक और कान को बिल्कुल सटीक तरीके से बना सकते हैं। इस तकनीक के अनुसार ही हमने गाल से स्किन ली और नाक बनाने का काम किया। सुश्रुत को ऐसे डॉक्टर के तौर पर जाना जाता है जिन्होंने नाक और कान बनाने की तकनीक दुनिया को दी है।
ऑपरेशन के बाद शम्सा ने बताया कि वह काफी खुश हैं कि वह फिर से चीजों को सूंघ पाएंगी, इस सर्जरी ने मेरी जिंदगी को बदल दिया है। उन्होंने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि जब मैं वापस घर जाउंगी तो लोग मुझे देखकर मेडिकल क्षेत्र की इस उपलब्धि पर गर्व करेंगे।