November 23, 2024     Select Language
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सावधान, आँखों को ना भा जाये  ‘ड्राई आई सिंड्रोम’!

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कोलकाता टाइम्स : 
आंखों की रोशनी प्रदूषण से भी प्रभावित होती है। इसलिए शरीर के इस सबसे नाजुक हिस्से को प्रदूषण से बचाना जरूरी है। प्रदूषण आंखों में जलन का एक प्रमुख कारण है। शहरों में वाहनों और कारखानों की संख्या के बढ़ने के कारण वातावरण में दिन-प्रतिदन प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। जिसकी वजह से अधिकतर लोग आंखों में जलन की समस्या से पीडि़त रहते हैं। वातावरण में उपस्थित धूल एवं धुआं आंखों में एलर्जी उत्पन्न करते हैं, जिसके कारण आंखों में जलन, आंखों का लाल रहना और पानी आना आम है। प्रदूषण आंखों में ‘ड्राई आई सिंड्रोम’ के लिए भी जिम्मेदार है, जिसमें आंखों में जलन और चुभन महसूस होती है।

आंखों को धूल-धुएं से बचाने के लिए बिना नम्बर का चश्मा पहनना चाहिए। चश्मा अच्छी गुणवत्ता का हो और इसका आकार भी बड़ा हो। विशेष रूप से बाइक पर चलते समय चश्मा अवश्य पहनें। आंखों में धूल या कण जाने पर उसे रगड़ना नहीं चाहिए वरना आंखों के कन्जंक्टाइवा एवं कोर्निया पर घाव होने या कोर्नियल अल्सर बनने की संभावना रहती है। धूल एवं धुएं से भरे मौसम में आंखों में जलन होने पर आंखों को दिन में दो-तीन बार साफ पानी से धोना चाहिए। लेकिन आंख खोलकर जोर से पानी के छींटे मारने से बचें, क्योंकि आंख अत्यन्त नाजुक अंग होता है और कन्जंक्टाइवा एवं कोर्निया पर चोट लगने की संभावना रहती है।

जलन होने पर आंखों में एन्टीएलर्जिक आई ड्रॉप और आर्टिफिशियल टीयर आई ड्रॉप का इस्तेमाल कर सकते हैं। कई बार एन्टीएलर्जिक गोलियां एवं एन्टीऑकि्सडेंट भी आंख में जलन होने पर फायदा करती हैं। दो से तीन दिन में ठीक न होने पर तुरंत नेत्र रोग विशेषज्ञ से उपचार कराएं। कई बार आंखों में ज्यादा जलन होने पर डॉक्टर स्टेरॉयड युक्त आई ड्रॉप का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन ध्यान रखें, इसका इस्तेमाल बिना नेत्र रोग विशेषज्ञ की सलाह के न करें।

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