June 15, 2024     Select Language
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ताइवान सपने में दखल पड़ते ही चीन को लगी मिर्ची, जिनपिंग ने कही यह बड़ी बात

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कोलकाता टाइम्स :चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के इरादे किसी से छिपे नहीं हैं. हाल ही में एक बार फिर जिनपिंग ने ताइवान को चीन में मिलाने की बात कही है. जिनपिंग ने ताइवान और चीन के पुन: एकीकरण की जोरदार वकालत करते हुए कहा कि ‘शांतिपूर्ण एकीकरण’ दोनों देशों के हित में है.

जिनपिंग ने कहा कि ताइवान के मुद्दे पर किसी भी तरह के विदेशी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. आपको बता दें, चीन की बढ़ती आक्रामता के मद्देनजर अमेरिका और जापान ताइवान के प्रति अपना समर्थन बढ़ा रहे हैं जिसके जवाब में चीन की यह टिप्पणी आई है. शी का यह बयान तब आया है जब चीन लगातार चौथे दिन ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में बड़ी संख्या में अपने युद्धक विमान भेज रहा है.ताइवान खुद को एक संप्रभु राष्ट्र मानता है लेकिन चीन इसे एक अलग प्रांत के रूप में देखता है. जिनपिंग हमेशा से ही ताइवान को चीन में मिलाने के पक्ष में रहे हैं फिर चाहें ताकत का इस्तेमाल ही क्यों न करना पड़े. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के महासचिव सी जिनपिंग ने 1911 की क्रांति की 110वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि एकीकरण के रास्ते में ‘ताइवन स्वतंत्रता बल’  मुख्य बाधक है. उन्होंने कहा कि ताइवन का प्रश्न चीनी राष्ट्र की कमजोरी और अराजक स्थिति की वजह से पैदा हुआ और इसे सुलझा लिया जाएगा ताकि एकीकरण का सपना हकीकत बन सके.वर्ष 1911 में डॉ. सन यात सेन के नेतृत्व में हुई चीनी क्रांति ने 2,132 साल के साम्राज्यवादी शासन और 276 वर्ष के मानचू शासन को खत्म कर दिया था और 1949 में पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की स्थापना हुई. आपको बता दें कि 10 अक्टूबर को ताइवान अपना राष्ट्रीय दिवस मनाता है. चीन और ताइवान के शासन पद्धति में भी अंतर है. चीन में वन पार्टी शासन प्रणाली है जबकि ताइवान में बहुदलीय लोकतंत्र है.

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