November 23, 2024     Select Language
Editor Choice Hindi KT Popular धर्म व्यापार

मीट के लिए नहीं मिलेगी पशुओं को मौत, क्योंकि ….

[kodex_post_like_buttons]
कोलकाता टाइम्स :
पूरी दुनिया में शाकाहार का चलन तेजी से बढ़ा है. इस बीच प्लांट मिल्क का कारोबार हजारों करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. दुनिया के बड़े-बड़े रेस्तराओं में बर्गर और हॉट डॉग समेत कई किस्म के फूड आइटम्स पूरी तरह शाकाहारी चीजों से बनने लगे हैं. ऐसे में ये प्रोडक्ट अब लैब में नहीं बल्कि बड़े पैमाने पर फास्ट फूड कंपनियों में तैयार हो रहे हैं.दरअसल दूध और मीट जैसे फूड आइटम्स गाय, भैंस, बकरी  और ऊंट जैसे मवेशियों के बजाये पौधों से बनाए जा रहे हैं. जैसे चिकन जैसा लगने वाला सफेद मीट मटर से बनता है तो सोया और अन्य पौधों से निर्मित दूध की मांग तेजी से बढ़ी है. इसलिए इनका कारोबार और बाजार भी तेजी से बढ़ा है. यह दूध, दुनियाभर में कॉफी शॉप, नामचीन ग्रोसरी ब्रैंड्स के शो रूम पर मिल रहा. दुनिया में पौधों से बने दूध का कारोबार 1.5 लाख करोड़ रुपए हो गया है.
आपको बता दें कि मांस का शाकाहारी विकल्प पेश करने वाली कंपनियों का बिजनेस तेजी से बढ़ा है. अमेरिका में इसका सबसे ज्यादा असर दिखा. जहां आज मार्केट में मौजूद कुल मिल्क में प्लांट मिल्क की हिस्सेदारी 2020 में 15% तक हो गई है. न्यूज़ वेबसाइड द इकोनॉमिस्ट में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक 2009 में शुरुआत करने वाली कंपनी बियोंड मीट अब 80 से अधिक देशों में अपने प्रोडक्ट बेच रही है. 2020 में उसका कारोबार 40.68 करोड़ डालर था. यह पिछले साल के मुकाबले 36% ज्यादा है. इस दूध में गाय के दूध से अधिक फाइबर है. कई कंपनियों ने अपने उत्पादों में पौधों से निकाले गए तत्व डाले हैं.

ऐसे प्रोडक्ट्स को बनाते समय सबसे पहले मटर और सोयाबीन से प्रोटीन निकालकर उसे आलू के स्टार्च और नारियल तेल जैसे फैट से मिलाए जाते हैं. नमक और अन्य फ्लेवर मिलाकर उसका स्वाद मीट जैसा बनाया जाता है. आपको बता दें कि पौंधों से निकले तत्वों यानी चीजों से मीट और दूध बनाना दरअसल मुख्य रूप से पौधों और जानवरों में पाए जाने वाले बुनियादी तत्वों जैसे प्रोटीन, फैट और कार्बोहाइड्रेट्स को नए सिरे से मिलाने की एक प्रक्रिया है. चीन में तो बाकायदा कई सदियों से सोयाबीन का दूध बनाया जा रहा है.

Related Posts