रितिक अपने बच्चों को कभी नहीं सुनते परियों की कहानियां क्योंकि !
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कोलकाता टाइम्स :
शायद ही किसी का बचपन हो, जो परी कथाएं सुनकर ना बीता हो। मगर, रितिक रोशन अपने बच्चों को परी कथाएं नहीं सुनाते, कुछ और सुनाते हैं।
रितिक अपने बच्चों के बेहद क़रीब हैं और उनके साथ वक़्त बिताने का कोई मौक़ा नहीं छोड़ते। सुज़ैन ख़ान से तलाक़ के बाद तो रितिक का सारा फोकस रेहान और रिदान पर ही हो गया है। रितिक अपने बचपन के बारे में बातचीत करते हुए ने एक दिलचस्प बात साझा की। उन्होंने बताया कि वो अपने बच्चों को राजकुमार और परियों वाली कहानियों नहीं सुनाते हैं, बल्कि ऐसी स्टोरीज़ कहते हैं जो बच्चों को प्रेरणा दें और ये कहानियां उनकी अपनी लाइफ़ से जुड़ी होती हैं, मगर उन स्टोरीज़ को रितिक किसी फिक्टिशियस नाम से सुनाते हैं। इसके पीछे एक ख़ास वजह है।
जब रितिक छोटे थे, तो ख़ुद से भाग रहे थे। यह वह दौर था, जब रितिक ठीक से बातचीत नहीं कर पाते थे और काफी हकलाते थे। इसकी वजह से वो स्कूल में ओरल एग्जाम देने से भी कतराते थे। एग्जाम के दिन बिना घर में बताये क्लास बंक कर देते थे। धीरे-धीरे यह बात उनके पिता राकेश को पता चली तो उन्होंने रितिक के मन से इस बात को निकालने के लिए प्रैक्टिस शुरू करवायी। रितिक बताते हैं कि उनके पापा ने फिर उन्हें बुक रीडिंग, स्पीच क्लासेस वगैरह में डलवाया।
रितिक ने इस मुश्किल से कैसे छुटकारा पाया, इसकी कहानी वो बच्चों को सुनाते हैं। रितिक कहते हैं कि अपने बच्चों को वो अपनी कहानी अपने किरदार के नाम पर रखकर सुना देते हैं, ताकि वो प्रेरित भी हों और उन्हें रितिक के नाम की जानकारी ना हो। रितिक बताते हैं कि एक बार उनके बड़े बेटे रेस में हार गए थे, तो काफी दुखी हो गए थे। उस वक़्त उन्होंने अपनी ही स्टोरी किसी और किरदार के नाम से सुनायी थी, जिसे सुन कर उनका मूड ठीक हो गया था।