January 19, 2025     Select Language
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चीन की असलियत : बंदी बनाकर उइगरों के अंग बेच कर रही अरबों की कमाई

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कोलकाता टाइम्स :
इगरों के मानवाधिकारों और जीवन पर चीन चाहे जितना दावे कर ले, लेकिन उसकी असलियत से दुनिया वाकिफ है. एक हालिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि शिनजियांग में मानवीय अंगों की कालाबाजारी कर के अरबों डालर कमा रहा है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन में 15 लाख उइगरों को जेल में रखा गया है जहां उनके अंग निकाले जा रहे हैं. साथ ही उनकी नसबंदी भी की जा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक जिन्दा लोगों के लीवर निकाल कर चीन अरबों की कमाई कर रहा है. दावा किया गया कि चीन ने मानव अंगों की कालाबाजी कर के कम से कम 1 अरब डॉलर कमाए हैं. रिपोर्ट के अनुसार किसी इंसान के स्वस्थ्य अंग को 1.60 लाख डॉलर तक बेचा जाता है.हेराल्ड सन की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2017 से साल 2019 के बीच करीब 80,000 उइगर मुस्लिमों की तस्करी की गई और उन्हें विभिन्न जगहों पर स्थित कारखानों में ले जाया गया. इनके घरों से दूर इन्हें रखा जाता है जहां इन पर कड़ी निगरानी रखी जाती है. इन्हें अलग-अलग रखा जाता है और किसी भी धार्मिक कार्य में हिस्सा नहीं लेने लिया जाता है.

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने कहा कि उन्हें विश्वसनीय जानकारी मिली है कि जातीय, भाषाई या धार्मिक अल्पसंख्यकों के बंदियों को उनकी सहमति के बिना उनका ब्लड टेस्ट, अल्ट्रासाउंड या एक्सरे किया जा राह है. जबकि अन्य कैदियों के साथ ऐसा नहीं किया जाचा.उइगर कैदियों की जांच के बाद उनके अंगों के बारे में एक डाटाबेस में दर्ज किया जाता है जहां कथित तौर पर इनकी कालाबाजारी होती है.

हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि अंग प्रत्यारोपण करने वाले अस्पताल कथित तौर पर हिरासत केंद्रों से बहुत दूर नहीं होते. अस्पतालों में किए गए ऑपरेशनों की संख्या और छोटी वेट लिस्ट से संकेत मिलते हैं कि बड़े पैमाने पर बहुत लंबे समय से ‘जबरन अंगों को निकाला’ जा रही है. ताइवान न्यूज में प्रकाशित एक जांच का हवाला देते हुए अखबार ने बताया कि हाल के वर्षों में उइगरों से 84 अरब डॉलर की संपत्ति जब्त की गई थी.

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