इस शख्स को देख अस्पताल वालों ने अंतिम संस्कार स्लाटर हाउस में करने की थी तैयारी
कोलकाता टाइम्स :
देश में डॉक्टरों को जहां भगवान का दर्जा दिया जाता है. दूसरी ओर डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कानून बनाने की मांग हो रही है. वहीं अस्पताल में तीमारदारों की ओर से होने वाली मारपीट रोकने के लिए मरीजों के अधिकार और कर्तव्यों के बारे में लोगों को जागरूक किया जाता है. ऐसे में अगर किसी अस्पताल के लोग वहां भर्ती मरीज के अंतिम संस्कार को लेकर अजीबोगरीब बातें करने लगे तो क्या होगा. दरअसल सुनने में अटपटा लगने वाली ये वो सच्चाई है जिसका खुलासा दुनिया के सबसे मोटे शख्स पॉल मेसन ने किया है जिनका वजन कभी 80 पत्थरों के बराबर था. क्या था माजरा आइए आपको बताते हैं.
अस्पताल में लोग इस भरोसे के साथ जाते हैं कि वहां सही देखभाल होने के साथ डॉक्टर उनकी जान बचाने के लिए जी जान लगा देंगे. माना जाता है कि अस्पतालों के भीतर देवी-देवताओं के चित्र लोगों का भरोसा मजबूत करने के लिए लगाए जाते हैं. इन मान्यताओं के बीच अस्पताल के डॉक्टर अगर किसी मरीज का अंतिम संस्कार स्लाटर हाउस में करने की बातें करने लगें तो भला इससे ज्यादा शर्मनाक और घृणित वाकया क्या होगा.
द सन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के सबसे मोटे आदमी का शरीर कभी इतना विशालकाय था कि अस्पताल के कर्मचारियों ने एक बूचड़खाने में उनके अंतिम संस्कार करने की योजना बनाई थी. ये सनसनीखेज खुलासा खुद भुक्तभोगी पॉल मेसन ने एक कॉन्फ्रेंस में किया. उन्होंने अपने साथ पेश आए इस वाकये को दुखद घटनाक्रम करार दिया है. उन्होने बताया कि उस दौरान उनका शरीर कई गुब्बारों के जितना फूल गया था.
पॉल ने अपने इंटरव्यू में बताया कि कई ऑपरेशन के बाद उनकी सेहत अब दुरुस्त है. वो करीब तीन साल तक अस्पताल में रहे, इसी बीच एक दिन जब उन्होंने अस्पताल वालों की ये बात सुनी कि इसका फ्यूनरल तो किसी वधशाला यानी स्लाटर हाउस में होगा, ये जानकर उनके होश उड़ गए.
ITV डॉक्यूमेंट्री में उन्होंने यह खुलासा भी किया कि कैसे एक दिन में 40 चॉकलेट बार खाने की वजह से उनके दांत उखड़ने पड़े थे. उस दौरान उन्होंने खुद अपने कई दांत उखाड़ लिए थे. साल 2015 में एक सफल गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी के बाद, उनका शरीर काफी हद तक सिकुड़ गया. जिसके बाद धीरे धीरे उनकी जिंदगी सामान्य होने लगी.