‘ना मरने’ की मिली बड़ी सजा
कोलकाता टाइम्स :
कभी-कभी आवेग में आकर आदमी गलत कदम उठा लेता है जिससे उसे बाद में पछतावा होता है। बेजिंग के रहने वाले चीनी युवक वेगांग के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। यह युवक नौकरी की तलाश में शहर आया। यहां महीनों काम तलाशने के बाद भी उसको काम नहीं मिला। इससे वह अवसाद ग्रसित हो गया। उसने आत्महत्या करने की सोची। इसके लिए यह बियाबान जंगल में पहुंचा लेकिन वहां पहुंचकर उसके दिमाग से आत्महत्या का भूत उतर गया। जब वह जंगल से निकलने लगा तो उसको महसूस हुआ कि वह रास्ता भूल गया है। बदहवासी के आलम में वह इधर-उधर भटकने लगा। कई दिन भूखा-प्यासा इधर-उधर भटकने के बाद जंगल में एक दिन कुछ ग्रामीणों ने उसे देखा। तब तक उसकी हालत बेहाल हो चुकी थी और वह काफी कमजोर हो गया था। जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया। कई दिन अस्पताल में रहने के बाद वेगांग ने बताया कि यह उसकी नादानी की ही सजा है।