कोलकाता टाइम्स :
संयुक्त अरब अमीरात स्थित व्यापार और निवेश का काम देखने वाली एक कंपनी ने पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक और एक निजी बैंक के खिलाफ 74 अरब रुपये का मुकदमा दायर किया है. इस बात की जानकारी स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में दी गई है. पाकिस्तान के अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, एनर्जी ग्लोबल इंटरनेशनल एफजेडई नामक कंपनी ने दिसंबर 2012 में बैंक खातों को फ्रीज करने और विदेशी मुद्रा खाते को अवैध रूप से रुपये वाले खाते में बदलने की ‘गैरकानूनी’ गतिविधि के कारण सेंट्रल बैंक के खिलाफ हर्जाने को लेकर मुकदमा दायर किया है.रिपोर्ट के अनुसार, एक निजी बैंक को भी पैसा जारी नहीं करने को लेकर सिंध हाई कोर्ट में दायर मुकदमे में पक्षकार बनाया गया है. कोर्ट के दस्तावेंजों में बताया गया है कि सिंध हाई कोर्ट ने मामले में एसबीपी और बैंकइस्लामी के प्रतिनिधियों को हर्जाने के दावे का जवाब देने के लिए अगले साल 15 फरवरी को अदालत के एडिश्नल रजिस्ट्रार के सामने पेश होने का निर्देश दिया है. दिसंबर 2012 में, पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक ने कंपनी के खातों को सील कर दिया था.
पाकिस्तानी बैंक ने ये कदम अमेरिका द्वारा कंपनी पर प्रतिबंध लगाने के छह महीने पहले उठाया था. इस तथ्य के बावजूद कि पाकिस्तानी कानून अमेरिकी प्रतिबंधों को स्वीकार नहीं करते हैं. कोर्ट में दायर मुकदमे में कंपनी ने कहा है, ‘एसबीपी की कार्रवाई द्विपक्षीय निवेश संधि और विदेशी निवेशकों को सुरक्षा देने के लिए जारी सर्कुलर के खिलाफ है.’ बैंक खातों को फ्रीज करने से पहले कंपनी को कभी सूचित नहीं किया गया.
एनर्जी ग्लोबल ने कोर्ट से मांग की है कि वह बैंक खातों को फ्रीज करने और उन्हें रुपये के खातों में बदलने के लिए केंद्रीय बैंक के इस काम को तत्काल अवैध घोषित करे.