पेटू बच्चा बन सकता है नशे की आदि
बोस्टन चिल्ड्रन हॉस्पिटल के डॉक्टर और अध्ययन दल की प्रमुख केंड्रिन सोनविल कहती हैं, पेटू बच्चों की पहचान जितनी जल्दी होगी, उतनी ही तेजी से उन्हें नशे से दूर रखने में कामयाबी मिलेगी। 1996 से 2005 के बीच कराए गए इस अध्ययन में 16, 882 बच्चों और किशोरों को शामिल किया गया। इन सभी से हर एक या दो साल पर स्वास्थ्य संबंधी सवालों के जवाब देने को कहा गया।
अध्ययन अवधि के दौरान 41 फीसद ने गांजा पानी शुरू कर दिया। 32 फीसद दूसरी तरह की नशीली दवाओं का इस्तेमाल करते पाए गए। केंड्रिन के अनुसार डॉक्टरों को बच्चों का इलाज करते समय उनसे खाने की आदतों पर भी बात करनी चाहिए। अगर कोई बच्चा ज्यादा खाना खाता है तो उस पर नजर रखनी चाहिए।