पत्रकारों को सीधे निगल रहा ड्रैगन, 127 पत्रकारों को कैद कर बना दुनिया का सबसे बड़ा जेल
कोलकाता टाइम्स :
अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी संगठन रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में चीन को सबसे ज्यादा पत्रकारों को कैद में रखने वाला देश बताया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कम से कम 127 पत्रकारों को चीन ने हिरासत में रखा है. सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा संवेदनशील माने गए मुद्दों की रिपोर्टिंग और पब्लिशिंग करने आरोप में पत्रकारों को हिरासत में लिया गया है. रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के मुताबिक, इन पत्रकारों में पेशेवर और गैर-पेशेवर मीडियाकर्मी भी शामिल हैं.
RSF के अनुसार इनमें से आधे से ज्यादा मीडियाकर्मी में 71 उइगर पत्रकार शामिल हैं. साल 2016 से, “आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई” के नाम पर बीजिंग शासन उइगरों के खिलाफ एक हिंसक अभियान चला रहा है. रिपोर्ट में आरएसएफ के महासचिव क्रिस्टोफ डेलॉयर के हवाले से कहा गया है कि चीन प्रेस की स्वतंत्रता को खोता जा रहा है. पेरिस स्थित आरएसएफ ने कहा कि इस रिपोर्ट से सूचना के अधिकार के खिलाफ शासन के दमन के अभियान की सीमा का पता चलता है.
वॉचडॉग ने एक रिपोर्ट में कहा कि संवेदनशील विषय की जांच करने या सेंसर की गई जानकारी प्रकाशित करने जैसे कामों के लिए पत्रकारों को हिरासत में रखा जा रहा है, जहां दुर्व्यवहार से उनकी मृत्यु भी हो सकती है. आरएसएफ की रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि कैसे पत्रकारों को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का मुखपत्र बनने के लिए मजबूर किया जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, अपने प्रेस कार्ड प्राप्त करने और रिन्यू करने के लिए पत्रकारों को जल्द ही 90 घंटे के वार्षिक प्रशिक्षण से गुजरना पड़ सकता है, जो आंशिक रूप से शी जिनपिंग के विचारों पर केंद्रित होगा.