अब चीड़-फाड़ के बगैर होगी पोस्टमॉर्टम
डॉ गुप्ता और उनकी टीम इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के साथ मिलकर एक एक्सपेरिमेंट करने जा रही है, जिसमें ऑटोप्सी को वर्चुअली कंडक्ट किया जाएगा। बता दें कि इस प्रक्रिया को स्विटजरलैंड के अलावा कई पश्चिमी देशों में पहले से फॉलो किया जा रहा जा रहा है।
इस प्रक्रिया में मृत शरीर को बिन टच किये जांचा जाता है। इसके जरिये शरीर को एक बैग में पैक किया जाता है, जिसके बाद उसे एक सीटी स्कैन मशीन में रखा जाता है और फिर कुछ सेकंड के भीतर, आंतरिक अंगों की हजारों कैप्चर की जाती हैं, जिनका आगे फॉरेंसिक विशेषज्ञों द्वारा विश्लेष्ण किया जाता है।
डॉक्टर गुप्ता ने कहा कि हालांकि इस प्रोजेक्ट में काफी निवेश करने की जरूरत है। क्योंकि सीटी स्कैन की मशीनें काफी महंगी आती हैं। वर्चुअल ऑटोप्सी में मृत व्यक्ति के रिकॉर्ड डिजिटल फॉर्मेट मं उपलब्ध होते हैं और इस तरह एक ही शरीर पर अन्य फॉरेंसिक विशेषज्ञों द्वारा विश्लेषण किया जा सकता है।