34 लाख घर तोड़ कर बचा रहे चोरों से
कोलकाता टाइम्स :
आप हैरान होंगे कि ऐसी कौन सी वजह हो सकती है जो बने बनाये घर चोरों के कब्जे में है और गिराने पड़ रहे हैं और वो भी दस साल पहले की समस्या के चलते, पर स्पेन में कुछ ऐसा ही है।
आपको ध्यान होगा कि 2008 में जबरदस्त आर्थिक मंदी का दौर आया था। इसने दुनिया के कई देशों की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया। प्रभावित होने वाले देशों में भारत भी था और अमेरिका भी। इस बात को सदियों बीत चुके हैं और अधिकांश देश इससे उबर भी आये हैं, लेकिन स्पेन एक ऐसा देश है जो अब भी इसके जख्मों का दर्द सह रहा है। दरसल उस दौरान स्पेन में कई शानदार और मंहगे हाउंसिंग प्रोजेक्ट थे जो शुरू हए थे या उन पर काम चल रहा था, जब मंदी का दौर आया तो ये स्मार्ट हाउसिंग प्रोजेक्ट रातोंरात बीच में ही बंद हो गए। ऐसा करने वाले बिल्डर्स दिवालिया हो चुके थे और उस कोई अधूरे काम का खरीददार भी नहीं था, लिहाजा सारे प्रोजेक्ट आधे रास्ते में ही बंद हो गए। इसका सबसे बड़ा उदाहरण स्पेन के वैलेंशिया शहर में मौजूद है जहां कि शानदार हाउसिंग सोसायटी वक्त की मार का शिकार बनी हुई हैं।
स्पेन की अर्थव्यवस्था भी अब ठीक है, लेकिन उस दौरान तबाह हुए बिल्डर्स अब भी इस हालत में नहीं हैं कि इन प्रोजेक्ट्स को हाथ लगायें और अब मकान भी उस स्थिति में नहीं हैं कि कोई और उन्हें वैसी हालत में खरीद कर काम आगे आगे शुरू करे। ऐसे में पूरे देश में करीब 34 लाख मकान ऐसे बताये जा रहे हैं जिन्हें कि कोई हाथ नहीं लगाना चाहता। इनमें वैलेंशिया की हाउसिंग सोसाइटी के घर भी शामिल हैं। टेलिग्राफ के मुताबिक इन सभी की कुल कीमत करीब 3.5 लाख करोड़ रुपये के आसपास आंकी गई है। अब इन मकानों को गिराने की योजना बनाई गई है, लेकिन उसका खर्च मकानों को बनाने की लागत से भी ज्यादा आ रहा है।
इन सभी अधूरे प्रोजेक्ट्स पर हालांकि बैंकों का अधिकार है, लेकिन वो फिल्हाल नीलामी नहीं कर पा रहे हैं। इसकी वजह भी व्यवसायिक है। हांलाकि अगर 3.5 लाख करोड़ रुपये के खर्च से बने ये 34 लाख मकान बिक जाते तो करीब 12 लाख करोड़ रुपये कमाई हो जाती पर प्रॉपर्टी की कीमत काफी गिर चुकी है और अब इतने मंहगे दामों पर इनका कोई खरीददार नहीं मिल रहा है। इन हालात में ऐसे घरों पर अब चोरों का कब्जा है। ये चोर घरों से किचन और बाथरूम में लगे नल, कॉपर वायरिंग और दूसरे तमाम समान निकाल कर चोरी कर ले रहे हैं और बाजार में बेच दे रहे हैं। सबसे बुरा हाल वैलेंशिया शहर का ही है जहां प्रॉपर्टी की कीमत 50 प्रतिशत तक नीचे आ चुकी है और तो और इस जगह 1200 करोड़ की लागत से बना अत्याधुनिक कैसलॉन एयरपोर्ट भी उद्घाटन के बाद बंद पड़ा हुआ है।